भारत को विकसित करने में पूर्वोत्तर का योगदान है सबसे महत्वपूर्ण: अमित शाह

भारत को विकसित करने में पूर्वोत्तर का योगदान है सबसे महत्वपूर्ण: अमित शाह

भारत को विकसित करने में पूर्वोत्तर का योगदान है सबसे महत्वपूर्ण: अमित शाह
Modified Date: March 11, 2025 / 06:56 pm IST
Published Date: March 11, 2025 6:56 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि विकसित भारत के निर्माण में पूर्वोत्तर क्षेत्र का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होगा।

शाह ने यहां ‘स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन इंटर-स्टेट लिविंग’ (एसईआईएल) द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर छात्र एवं युवा संसद को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पूर्वोत्तर के विकास, एकता और शांति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार के दिल के बहुत करीब है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर को केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बनाया है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वोत्तर का योगदान सबसे अहम होगा।’’

गृह मंत्री ने इस क्षेत्र में विशेष रूप से पर्यटन के नजरिए से वैश्विक ध्यान आकर्षित करने की विपुल क्षमता का भी उल्लेख किया।

उन्होंने पूर्वोत्तर के युवाओं की भारत में सबसे अधिक आईक्यू (मेधा विलक्षणता) होने के लिए प्रशंसा की और कहा कि यह क्षेत्र कुछ सबसे अधिक मेहनती जनजातियों की रिहायश है।

शाह ने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर विविधताओं की भूमि है, जिसमें 220 से अधिक आदिवासी समूह, 160 जनजातियां, 200 बोलियां और भाषाएं, 50 अनूठे त्यौहार और 30 से अधिक विश्व प्रसिद्ध नृत्य शैलियां हैं।

उन्होंने माना कि अपनी कई अनूठी विशेषताओं के बावजूद पूर्वोत्तर विकास में पिछड़ गया, क्योंकि उस समय विभिन्न भ्रमों और विवादों के माध्यम से उग्रवाद और अलगाववाद को बढ़ावा दिया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हिंसा, बंद, नशीले पदार्थ, नाकेबंदी और क्षेत्रवाद ने इस पूरे क्षेत्र को खंडित कर दिया , जिससे न केवल पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों के बीच विभाजन पैदा हुआ है, बल्कि क्षेत्र के भीतर राज्यों के बीच भी विभाजन पैदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र को विकास में 40 वर्षों की देरी का सामना करना पड़ा तथा इस दौरान आतंकवाद और अलगाववादी संगठन मुख्य बाधाएं रहे।

गृह मंत्री ने कहा कि जब भी भाजपा सत्ता में आई है, उसने हमेशा पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी है।

उन्होंने कहा कि पहले इतने बड़े और अविकसित क्षेत्र के लिए कोई अलग मंत्रालय नहीं था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान अलग (पूर्वोत्तर मामले) मंत्रालय बनाया गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम में पूर्वोत्तर पर बल दिया गया ।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि इस क्षेत्र और शेष भारत के बीच की दूरी को कम करना है।

शाह ने घोषणा की कि 2027 तक पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल, हवाई और सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

गृह मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच इस क्षेत्र में हिंसा की 11,000 घटनाएं हुईं, जबकि 2014 से 2024 तक यह संख्या लगभग 70 प्रतिशत घटकर 3,428 रह गई।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी उग्रवादी संगठनों के साथ समझौते किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 10,500 से अधिक उग्रवादियों ने अपने हथियार सौंप दिए और मुख्यधारा में लौट आये। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में उग्रवादी संगठनों के साथ 12 महत्वपूर्ण समझौते किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास शांति के बिना संभव नहीं है, जो प्रगति के लिए एक मूलभूत शर्त है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश


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