देश में अब दो बच्चे ही पैदा कर रहे लोग, NFHS सर्वे के आंकड़े जारी, जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत नहीं ?

देश में अब दो बच्चे ही पैदा कर रहे लोग, NFHS सर्वे के आंकड़े जारी, जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत नहीं ?

देश में अब दो बच्चे ही पैदा कर रहे लोग, NFHS सर्वे के आंकड़े जारी, जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत नहीं ?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: December 23, 2020 11:46 am IST

नईदिल्ली। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों की माने तो, ग्रामीण और शहरी इलाकों में आधुनिक गर्भनिरोधक के इस्तेमाल को लेकर लोगों की समझ काफी विकसित हुई है., परिवार नियोजन की मांग में सुधार हुआ है और महिलाओं द्वारा पैदा किए बच्चों की औसत संख्या में भी कमी आई है। विशेषज्ञों के अनुसार ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि देश में ’जनसंख्या विस्फोट’ के डर का कोई आधार नहीं है, साथ ही अब केवल दो बच्चे पैदा करने की योजना लाने की आवश्यकता भी नहीं है।

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बता दें कि सरकार समय समय पर जनसंख्या नियंत्रण के उपायों पर जोर देती रही है, इसके पहले पीएम मोदी ने 2019 में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जनसंख्या नियंत्रण को देशभक्ति के तौर पर पेश किया था, फिर 2020 में भी पीएम मोदी ने महिलाओं के लिए शादी की उम्र में संशोधन पर जोर दिया। जिसे अप्रत्यक्ष रूप से जनसंख्या नियंत्रण करने की कोशिश ही माना जा रहा है।

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नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के पहले पार्ट में 17 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों का रिकॉर्ड डेटा है., इंटरनेशनल नॉन प्रॉफिट पॉपुलेशन का डेटा एनालिसिस बताता है कि 17 में से 14 राज्यों के ’टोटल फर्टिलिटी रेट’ में गिरावट आई है., इन राज्यों में प्रति महिला बच्चों का औसत 2.1 या इससे भी कम है। रिपोर्ट की मानें तो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और बिहार जैसे राज्यों में 2015-16 की तुलना में कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल काफी बढ़ा है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com