MEA PC On India Pakistan Tension. Image Source- ANI
नई दिल्लीः MEA PC On India Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के भले ही सीजफायर का ऐलान हो गया हो, लेकिन अभी भी कई मुद्दों को लेकर रार जारी है। गुरुवार को भारत-पाकिस्तान तनाव, अमेरिकी टैरिफ और वीजा और बांग्लादेश समेत कई मुद्दे को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ जम्मू-कश्मीर पर बात करने को कोई सवाल ही नहीं बल्कि बात होगी तो केवल पीओके पर कि पाकिस्तान उसे कब भारत को लौटा रहा है। रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का संबंध या संपर्क द्विपक्षीय ही रहेगा। जहां तक बातचीत का सवाल है, हमने साफ किया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं है। उन्हें भारत को उन आतंकियों को सौंप देना चाहिए जिनकी लिस्ट और रिकॉर्ड कुछ साल पहले हमने उन्हें सौंपा था। जहां तक जम्मू कश्मीर का प्रश्न है, पाकिस्तान पीओके कब लौटा रहा है, उस पर बात हो सकती है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही साफ कर चुके हैं कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते हैं। जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। इस मामले में पीएम मोदी का भी यही कहना है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता।
MEA PC On India Pakistan Tension: ईरान में लापता हुए तीन भारतीय नागरिकों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल कहते हैं- ‘तीन भारतीय नागरिक जो ईरान गए थे उनसे संपर्क नहीं हो रहा है। इसके लिए दूतावास को कहा गया है कि वो उनसे संपर्क करने और वापसी के लिए प्रयास करे। साथ ही हम लोग वहां से सरकार के संपर्क में भी हैं । उनके परिवार के संपर्क में भी है।’ उन्होंने कहा कि ‘हमें ईरानी पक्ष से अच्छा सहयोग मिल रहा है और हम लापता लोगों के परिवारों के संपर्क में भी हैं। हम हर संभव मदद कर रहे हैं।’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ को लेकर भारत-पाकिस्तान का जो हवाला दिया गया, उस पर भी विदेश मंत्रालय ने अपना रुख साफ कर दिया है। इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जसवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह हकीकत बयां करने के लिए काफी है। भारत ने 13 मई को इस मसले पर स्थिति को पहले ही साफ कर दिया गया है। सात मई को जब से ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ था तब से ही और फायरिंग और मिलिट्री एक्शन रुकने तक, भारत और अमेरिकी नेताओं के बीच बातचीत हो रही थी। इस दौरान ट्रेड और टैरिफ का कोई भी मसला चर्चा में नहीं आसा था। विदेश मंत्री भी इस बात को साफ कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच ही बातचीत हुई थी।
पाकिस्तान के पीएम शाहबाज़ शरीफ़ की तरफ़ से बार बार बातचीत की पेशकश से जुड़े सवाल पर @MEAIndia
“पाकिस्तान से बातचीत को लेकर हमारा रुख़ साफ़ है।
पाकिस्तान से बातचीत होगी तो द्विपक्षीय ही होगी, आतंकियों को सौंपे जाने पर होगी, पीओके की वापसी पर होगी, जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है वो… pic.twitter.com/EXAojeVZwL— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 29, 2025