दैनिक कोविड मामलों की संख्या अभी कम लेकिन सतर्कता बहुत जरूरी : डॉक्टरों ने कहा |

दैनिक कोविड मामलों की संख्या अभी कम लेकिन सतर्कता बहुत जरूरी : डॉक्टरों ने कहा

दैनिक कोविड मामलों की संख्या अभी कम लेकिन सतर्कता बहुत जरूरी : डॉक्टरों ने कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : April 12, 2022/5:47 pm IST

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) दिल्ली में एक हफ्ते में कोरोना वायरस संक्रमण की दर 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2.70 प्रतिशत हो जाने के बीच डॉक्टरों ने मंगलवार को कहा कि यह ”घबराने की स्थिति नहीं” है क्योंकि दैनिक मामलों की संख्या अभी भी कम है लेकिन उन्होंने आगाह किया कि लोगों को ”सतर्क” रहते हुए सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन करना चाहिए।

गौरतलब है कि सोमवार को संक्रमण दर में अचानक हुई वृद्धि के बाद से शहर में कोरोना वायरस महामारी की संभावित नई लहर के बारे में चिंता पैदा हो गई है। इससे पहले 5 फरवरी को संक्रमण दर 2.87 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

दिल्ली के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस बात पर सहमति जताई है कि हालांकि यह ‘घबराने की स्थिति’ नहीं है, लेकिन बड़े पैमाने पर लोगों के बीच आत्मसंतुष्टि की भावना पैदा होना ‘चिंता का विषय’ है।

फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी की सलाहकार डॉ ऋचा सरीन ने कहा कि, ‘दैनिक मामलों में वृद्धि हुई है, जैसा कि सोमवार को दर्ज किया गया था पिछले कुछ दिनों से संक्रमण दर बढ़ रही है, और यह 2.70 प्रतिशत हो गई है। लेकिन, मैं कहूंगी कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दैनिक मामलों की संख्या अभी भी 130-150 की सीमा में है। हालांकि, सतर्क रहने और सभी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता है।”

डॉ ऋचा दिल्ली सरकार के उस आदेश की लगातार आलोचना करती रही हैं जिसमें कहा गया है कि अब मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि यह एक ‘स्थिर निर्णय’ नहीं है और यदि परिस्थितियों की मांग होती है, तो नियमों को फिर से बदला जा सकता है।

”पीटीआई-भाषा” से बात करने वाले डॉक्टरों ने सहमति जताई कि टीकाकरण और ‘हर्ड इम्यूनिटी’ ने लोगों को ‘निश्चित रूप से सुरक्षा कवच प्रदान किया है।”

देश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान जनवरी 2021 में शुरू हुआ था और वर्तमान में, एहतियाती खुराक देने की कवायद जारी है।

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 137 नए मामले दर्ज किए गए थे। इस दौरान संक्रमण दर बढ़कर 2.70 प्रतिशत हो गई थी।

हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार राजधानी में कोविड-19 की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वहीं, दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी सोमवार को कहा था कि अभी घबराने की आवश्यकता नहीं है।

अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ आंतरिक चिकित्सा सलाहकार, डॉ सुरनजीत चटर्जी ने कहा ”जहां दैनिक मामले बढ़ रहे हैं, वहीं मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म करने के आदेश के बाद से लोगों के बीच खुशी की लहर पैदा हो गई है।’’

डॉ चटर्जी ने कहा ‘जब तक हम सतर्क रहते हैं, सभी कोविड-उपयुक्त व्यवहारों का पालन करते हैं और विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनते हैं, तब तक मुझे कोई नई लहर नहीं दिखती है। लेकिन, जिस तरह मैं इंटरनेट पर देख रहा हूं कि लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं, इनमें बहुत से लोगों ने मास्क नहीं पहना है, जिसका मतलब होगा कि मामले और बढ़ सकते हैं।”

उन्होंने कहा, ”जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में रविवार को समाप्त हुए तीन दिवसीय ‘बोहो बाजार’ उत्सव में भारी भीड़ देखी गई। कार्यक्रम स्थल पर भी बहुत कम लोग मास्क पहने नजर आए। उत्सव के दृश्यों को सोशल मीडिया पर साझा किया गया है।’’

डॉक्टरों ने यह भी कहा, ”संक्रमण दर बढ़ रही है, दिल्ली सरकार को कोविड परीक्षणों की संख्या में वृद्धि करनी चाहिए। फिलहाल अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना वायरस रोगियों की संख्या कम है। हालांकि, कोई भी आकलन करने से पहले अगले कुछ दिनों तक स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है।”

गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोविड-9 के मामले बढ़ कर 18,66,380 हो गए, जबकि महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 26,157 थी। राजधानी में रविवार को 141 ​​मामले आये थे और एक मरीज की मौत हुई थी, जबकि संक्रमण दर 1.29 प्रतिशत थी।

दिल्ली सरकार का राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) महामारी के दौरान कोविड संबंधी इलाज की सुविधा देने वाले अस्पतालों में से एक है। अस्पताल की एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि बड़े पैमाने पर जनता के बीच ”आत्मसंतुष्टि” की भावना पैदा हुई है, और यह ”चिंता का विषय” है।

उन्होंने कहा, ‘लोग अपनी जांच नहीं करवा रहे हैं और हल्के बुखार और सर्दी का इलाज घर पर ही कर रहे हैं। फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए।’

यह पूछे जाने पर कि संक्रमण के नए स्वरूप का खतरा कितना वास्तविक है, डॉक्टर ने कहा, ‘अभी इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि वायरस का एक्सई स्वरूप ओमीक्रॉन की तुलना में हल्का होगा या डेल्टा स्वरूप की तुलना में अधिक घातक होगा। हालांकि अगर यह डेल्टा जैसा होता, तो यह अब तक असर दिखा चुका होता।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक्सई स्वरूप के खिलाफ चेतावनी जारी की है। ओमीक्रॉन का यह नया स्वरूप पहली बार ब्रिटेन में पाया गया और इसके बारे में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह अब तक के किसी भी कोविड-19 स्वरूप से अधिक खतरनाक हो सकता है।

गौरतलब है कि एक्सई स्वरूप ओमीक्रॉन के दोनों उप-स्वरूप – बीए1 और बीए2 – का संयोजन या पुनः संयोजन है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने शनिवार को कहा था कि गुजरात से कोविड-19 के एक्सई स्वरूप के नमूने का अनुक्रमण विश्लेषण अभी भी चल रहा है और जल्द ही परिणाम आने की उम्मीद है।

राज्य के एक अधिकारी ने कहा था कि गुजरात ने अपना पहला एक्सई स्वरूप का मामला दर्ज किया था, जब मुंबई के एक व्यक्ति ने वडोदरा की यात्रा के दौरान कोविड-19 के लिए परीक्षण करवाया था। वह संक्रमित पाया गया था।

इससे पहले, मुंबई नागरिक निकाय के अधिकारियों ने कहा था कि एक महिला फरवरी के अंत में दक्षिण अफ्रीका से आई थी और एक्सई स्वरूप से संक्रमित पाई गई थी। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय इससे सहमत नहीं था।

मंत्रालय ने कहा था कि मौजूदा साक्ष्य अभी तक यह संकेत नहीं देते कि यह एक्सई स्वरूप का मामला है।

भाषा

फाल्गुनी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)