तबाही मचाने आ रहा ‘चक्रवात का मौसम’! सरकार ने शुरू की खतरों से निपटने की तैयारी

ओडिशा सरकार ने मौसम कार्यालय की ओर से कोई पूर्वानुमान नहीं होने के बावजूद अपने अधिकारियों से अगले दो महीनों में संभावित चक्रवातों के लिए तैयार रहने को कहा है।

तबाही मचाने आ रहा ‘चक्रवात का मौसम’! सरकार ने शुरू की खतरों से निपटने की तैयारी

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: October 11, 2022 11:04 am IST

upcoming ‘Cyclone Mausam’: भुवनेश्वर, 11 अक्टूबर। ओडिशा सरकार ने मौसम कार्यालय की ओर से कोई पूर्वानुमान नहीं होने के बावजूद अपने अधिकारियों से अगले दो महीनों में संभावित चक्रवातों के लिए तैयार रहने को कहा है।

मुख्य सचिव एससी महापात्र ने सोमवार को राज्य स्तरीय चक्रवात तैयारियों की बैठक में संबंधित अधिकारियों को सभी एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया।

ओडिशा को अक्टूबर और नवंबर में और कभी-कभी 15 दिसंबर तक भी गंभीर चक्रवाती तूफान का सामना करना पड़ता है। राज्य में इस ढाई महीने को ‘‘चक्रवात का मौसम’’ माना जाता है।

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उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में मानसून की वापसी के दौरान चक्रवातों के प्रकोप का गवाह बनता है। ओडिशा की भौगोलिक स्थिति और जलवायु परिवर्तन भी 2019 के बाद से गर्मियों के दौरान चक्रवात का कारण बना है।’’

बैठक में शामिल हुए क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एचआर बिस्वास ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 15 दिनों तक इस तरह के किसी भी चक्रवात का पूर्वानुमान नहीं किया है, जबकि चक्रवाती तूफान के लिए अनुकूल परिस्थितियां भी हैं।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सभी व्यवस्था करने को कहा। महापात्र ने उपकरण तैयार रखने के अलावा अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सभी नलकूप चालू हालत में रहें।

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उन्होंने अधिकारियों से गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों की एक सूची तैयार करने को भी कहा ताकि आपात स्थिति में उनकी आसानी से पहचान की जा सके और उन्हें बचाया जा सके।

उन्होंने तटीय जिलों में रहने वाले लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और चक्रवात संभावित क्षेत्रों में समुद्र के तटबंधों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों पर भी जोर दिया।

महापात्र ने अधिकारियों को दवाओं के भंडारण और एम्बुलेंस तथा डॉक्टरों को पूरी तैयारी में रहने का भी निर्देश दिया। बैठक में विभिन्न विभागों के सचिवों और दमकल सेवा, ओडिशा आपदा मोचन बल (ओडीआरएएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों ने भाग लिया।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com