ओडिशा के श्रद्धालुओं ने दीघा मंदिर से ‘जगन्नाथ धाम’ का लेबल हटाने की मांग की

ओडिशा के श्रद्धालुओं ने दीघा मंदिर से 'जगन्नाथ धाम' का लेबल हटाने की मांग की

ओडिशा के श्रद्धालुओं ने दीघा मंदिर से ‘जगन्नाथ धाम’ का लेबल हटाने की मांग की
Modified Date: May 1, 2025 / 11:30 pm IST
Published Date: May 1, 2025 11:30 pm IST

भुवनेश्वर, एक मई (भाषा) ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के भक्तों में रोष है, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में उद्घाटित दीघा स्थित जगन्नाथ मंदिर को ‘जगन्नाथ धाम’ की संज्ञा दी है।

पुरी के 12वीं सदी के मंदिर से जुड़े पूर्व समिति सदस्यों और धार्मिक विद्वानों ने इसे गलत बताया है।

पद्मश्री से सम्मानित रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस पर सफाई मांगी और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी को पत्र लिखकर इसमें दखल की मांग की।

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उन्होंने कहा, ‘शास्त्रों के अनुसार ‘जगन्नाथ धाम’ केवल पुरी को कहा जाता है, अन्य किसी मंदिर को यह उपाधि देना परंपरा के खिलाफ है।’

पटनायक ने आरोप लगाया कि दीघा मंदिर में ‘ब्रह्मा’ स्थापित करने का दावा भी भ्रम फैलाने वाला है।

पुरी के ‘दैतापति’ सेवक रामचंद्र दासमहापात्रा ने कहा कि ‘धाम’ की मान्यता आदि शंकराचार्य द्वारा जगन्नाथ पुरी पीठ को दी गई थी।

श्री जगन्नाथ सेना के प्रियदर्शन पटनायक ने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल के श्रद्धालुओं को गुमराह कर रही हैं और धार्मिक आस्था को चोट पहुंचा रही हैं।

भाषा राखी सुरेश

सुरेश


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