‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’: उमर ने केंद्र को लोकसभा के साथ जम्मू-कश्मीर विस चुनाव कराने की चुनौती दी

'एक राष्ट्र, एक चुनाव': उमर ने केंद्र को लोकसभा के साथ जम्मू-कश्मीर विस चुनाव कराने की चुनौती दी

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’: उमर ने केंद्र को लोकसभा के साथ जम्मू-कश्मीर विस चुनाव कराने की चुनौती दी
Modified Date: January 17, 2024 / 10:18 pm IST
Published Date: January 17, 2024 10:18 pm IST

जम्मू, 17 जनवरी (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को केंद्र सरकार को चुनौती दी कि अगर वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के अपने विचार के प्रति गंभीर है तो वह 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव भी कराए।

अब्दुल्ला ने कहा कि यह सरकार देश में एक साथ चुनाव कराने के बारे में इतनी बात करती है, लेकिन जो कहती है, उसे पूरा नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि पूरा राष्ट्र तो छोड़िए वह राज्य में भी अपनी कथनी को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, “कुछ ही महीनों में यहां संसदीय चुनाव हैं। आइए एक ही समय में विधानसभा चुनाव भी करा लें, फिर देखते हैं।”

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरे देश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जाने के विचार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा, “अगर आप अब संसद के साथ (जम्मू- कश्मीर) विधानसभा चुनाव नहीं करा सकते हैं, तो आप इस बात की कैसे कल्पना करते हैं कि आप कभी संसदीय चुनावों के साथ (देशभर में) विधानसभा चुनाव करा पाएंगे, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में एक साथ चुनाव कराने के लिए काफी संख्या में सुरक्षा बलों की मौजूदगी की जरूरत होती है।”

अब्दुल्ला ने विश्वास जताया कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ को जम्मू-कश्मीर में शानदार जनादेश मिलेगा।

उन्होंने विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश की स्थिति में किसी अन्य पार्टी के साथ जाने की संभावना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “जब जनादेश दिया जाएगा, तो यह एक-दलीय शासन के लिए एक शानदार जनादेश होगा। इसलिए चुनाव के बाद कोई गठबंधन नहीं होगा। हम चुनाव बाद गठबंधन में विश्वास नहीं रखते हैं।”

उन्होंने कहा,’सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है। हमारा प्रयास सभी छह सीटें जीतने का होना चाहिए और उन्हें ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ रहना चाहिए।’

अब्दुल्ला ने भाजपा के एक दशक लंबे शासन पर सवाल उठाया और कहा कि चुनावी जीत के लिए धार्मिक मुद्दों का सहारा लेना उनके शासन की विफलता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, “अगर, दस साल तक सत्ता में रहने के बाद, भाजपा को चुनाव जीतने के लिए धर्म की ओर वापस जाना पड़े, तो क्या आपको नहीं लगता कि उनकी सरकार विफल हो गई है?

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के शामिल नहीं होने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘कांग्रेस इसका बेहतर जवाब दे सकती है। हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला है। हम नहीं जा रहे हैं।’

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में भाग लेने के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला को राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से निमंत्रण मिला है। उन्होंने कहा, ‘जब यह संभव होगा, हम इसमें हिस्सा लेंगे।’

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश


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