नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति में शामिल विपक्षी सदस्य इसके अध्यक्ष जगदंबिका पाल के कथित ‘एकतरफा फैसलों’ और उन्हें तैयारी के लिए पूरा समय न देकर पूरी प्रक्रिया को ‘ध्वस्त’ करने के प्रयासों के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर सकते हैं।
विपक्षी सदस्यों ने बिरला के नाम लिखे पत्र में यह दावा भी किया कि समिति की कार्यवाइयों में उनको अनसुना किया गया तथा ऐसे में वे इस समिति से खुद को अलग करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
विपक्ष से जुड़े सूत्रों का कहना था कि उनके मंगलवार को बिरला से मिलकर उन्हें शिकायतों से अवगत कराए जाने की संभावना है।
द्रमुक सांसद ए राजा, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी सहित विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष के नाम यह संयुक्त पत्र लिखा है।
उन्होंने भाजपा के अनुभवी सांसद पाल पर आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष ने बैठकों की तारीखें तय करने और कभी-कभी लगातार तीन दिनों तक बैठकों की तारीख तय करने और समिति के समक्ष व्यक्तियों को बुलाए जाने को लेकर ‘‘एकतरफा निर्णय’’ लिया है।
उन्होंने कहा कि सांसदों के लिए बिना तैयारी के बातचीत करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि समिति को उचित प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए प्रस्तावित कानून को सरकार की इच्छानुसार पारित कराने के माध्यम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
कई मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के लगातार विरोध के कारण समिति की कार्यवाही बाधित हुई है, जबकि भाजपा सदस्यों ने उन पर जानबूझकर इसके काम को बाधित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
पाल ने इस आरोप को खारिज कर दिया है कि उन्होंने विपक्षी सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति नहीं दी। उनका कहना था कि उन्होंने सुनिश्चित किया है कि हर किसी की बात को सुना जाए।
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