तिरुप्पारनकुंद्रम में दीप जलाने का विरोध राजनीतिक रूप से प्रेरित: प्रधान

तिरुप्पारनकुंद्रम में दीप जलाने का विरोध राजनीतिक रूप से प्रेरित: प्रधान

तिरुप्पारनकुंद्रम में दीप जलाने का विरोध राजनीतिक रूप से प्रेरित: प्रधान
Modified Date: December 31, 2025 / 09:12 pm IST
Published Date: December 31, 2025 9:12 pm IST

मदुरै (तमिलनाडु), 31 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि तिरुप्पारनकुंद्रम पहाड़ी पर दीप जलाने का विरोध राजनीतिक रूप से प्रेरित है और सांस्कृतिक महत्व के बारे में समझ की कमी को दर्शाता है।

राज्य सरकार की ओर से किए गए विरोध को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए उन्होंने कहा कि तिरुप्पारनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित सुब्रह्मण्य स्वामी का मंदिर राज्य की संस्कृति का अभिन्न अंग है।

मंत्री ने यहां प्राचीन श्री मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर के दर्शन करने के बाद पत्रकारों से कहा, “जब मद्रास उच्च न्यायालय (मदुरै पीठ) ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया है कि हिंदू दीपक जला सकते हैं, तब इस तरह की अनैतिक हरकतें करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका विरोध राजनीतिक रूप से प्रेरित है। लोग इस विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं।”

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जब यह बताया गया कि अधिकारियों ने दरगाह के पास स्थित एक स्तंभ पर कार्तिगई दीप जलाने पर आपत्ति जताई है, क्योंकि इससे सांप्रदायिक संघर्ष भड़क सकता है, तो मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, ‘क्या तिरुप्पारनकुंद्रम को मिटाया जा सकता है?’

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या आप तमिलनाडु से रामनाथपुरम या मदुरै मीनाक्षी मां या शिव के अस्तित्व को नकार सकते हैं? क्या आप समाज से तमिल भाषा और साहित्य की सांस्कृतिक भावना या तिरुक्कुरल (तिरुवल्लुवर द्वारा रचित एक उत्कृष्ट कृति) को मिटा सकते हैं?’

रामेश्वरम में काशी तमिल संगमम कार्यक्रम के समापन समारोह के लिए राज्य में आए प्रधान ने कहा, ‘जो लोग इस सिद्धांत का प्रचार करते हैं वे मूर्ख हैं। वे नासमझ हैं। भगवान शिव उन्हें क्षमा करें।’

भाषा जोहेब संतोष

संतोष


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