नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें तीन अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह बैठक जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण माहौल के बीच आयोजित की गई है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर सैलानी थे।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक ब्रिघु श्रीनिवासन और असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा शामिल हुए।
बैठक में सशस्त्र सीमा बल की अतिरिक्त महानिदेशक अनुपमा नीलेकर चंद्रा भी उपस्थित थीं। बैठक में क्या बातचीत हुई, यह तत्काल पता नहीं चल सका।
बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करती है। एसएसबी नेपाल और भूटान के साथ लगती सरहद की रखवाली करती है। असम राइफल्स म्यांमा के साथ लगने वाली सीमा की रक्षा करती है। एनएसजी एक कमांडो बल है जो आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेषज्ञता रखता है।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने का फैसला किया और साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने इसकी शर्तों का उल्लंघन किया है।
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