पेपर लीक प्रकरण: विरोध में धरने पर बैठे बेरोजगारों ने की सीबीआई जांच की मांग की

पेपर लीक प्रकरण: विरोध में धरने पर बैठे बेरोजगारों ने की सीबीआई जांच की मांग की

पेपर लीक प्रकरण: विरोध में धरने पर बैठे बेरोजगारों ने की सीबीआई जांच की मांग की
Modified Date: September 25, 2025 / 03:04 pm IST
Published Date: September 25, 2025 3:04 pm IST

देहरादून, 25 सिंतबर (भाषा) उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के एक प्रश्नपत्र के कथित तौर पर तीन पन्ने लीक होने के विरोध में धरने पर बैठे राज्य बेरोजगार संघ ने बृहस्पतिवार को “परीक्षा में अनियमितताओं” की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की मांग की ।

यहां परेड ग्राउंड के बाहर सड़क पर तंबू लगाकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के तत्वावधान में बड़ी संख्या में छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। संघ ने आयोग के अध्यक्ष का तत्काल इस्तीफा लिए जाने, परीक्षा को निरस्त करने तथा आरक्षी भर्ती नियमावली को संशोधित किए जाने की भी राज्य सरकार से मांग की है ।

संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा, “हम अपना धरना तब तक समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि राज्य सरकार हमारी सभी मांगें नहीं मान लेती।”

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रविवार को विभिन्न विभागों के लिए हुई प्रतियोगी परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के तीन पन्ने बाहर आने से मचे हड़कंप के बीच संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात भी की थी लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला।

सिंह ने परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानतीं, बेरोजगार धरने पर डटे रहेंगे ।

प्रकरण के सामने आने के बाद से विपक्षी कांग्रेस भी लगातार राज्य सरकार को इस मुद्दे पर घेर रही है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि उनकी पार्टी प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगी।

बढ़ते दबाव के बीच, राज्य सरकार ने बुधवार को मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) गठित कर दिया था।

पांच सदस्यीय इस एसआईटी का गठन 21 सितंबर को सामने आए पर्चा लीक के इस मामले की विवेचना कर रहीं देहरादून की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जया बलूनी की अध्यक्षता में किया गया है।

प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने कहा कि एसआईटी की जांच के दायरे में पूरा प्रदेश होगा और यह एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी ।

बर्धन ने कहा कि राज्य सरकार के लिए छात्रों का हित सर्वोपरि है और आम जनमानस और छात्रों में परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता और शुचिता बनाए रखने के लिए एसआईटी गठित की गयी है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, आयोग से भी अनुरोध करेगी कि जांच पूरी होने तक इस परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्यवाही न की जाए।

आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की फोटो के ‘स्क्रीनशॉट’ सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुए थे, जिनमें फोटो लिए जाने का समय परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद का दिखाई दे रहा था। इससे प्रदेश में हड़कंप मच गया था ।

इस मामले में पुलिस ने परीक्षा में अभ्यर्थी के रूप में शामिल हुए मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है ।

पुलिस के अनुसार, खालिद ने हरिद्वार में पथरी क्षेत्र के बहादरपुर जट गांव में स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेजी थी जिसने टिहरी की एक सहायक प्रोफेसर सुमन को वे प्रश्न भेजकर उनके उत्तर हासिल किए।

इसी दौरान सुमन को उन प्रश्नों पर शक हुआ जिसके बाद उसने उनके स्क्रीनशॉट लेकर एक अन्य व्यक्ति से यह जानकारी साझा की जिसने पुलिस या किसी सक्षम अधिकारी के पास जाने की बजाय उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जिससे वे वायरल हो गए।

भाषा दीप्ति मनीषा प्रशांत

प्रशांत


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