नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के मामले में कार्रवाई न करने के लिए उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को मंगलवार को फटकार लगायी।
प्राधिकरण द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर असंतोष जताते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि लाइसेंसिंग प्राधिकरण शीर्ष न्यायालय का 10 अप्रैल का आदेश मिलने के बाद ही कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए सक्रिय हुआ।
पीठ ने कहा, ‘‘अगर आप सहानुभूति और अनुकंपा चाहते हैं तो अदालत के प्रति ईमानदार रहें…।’’
न्यायालय ने कहा कि उसकी मुख्य चिंता यह है कि क्या लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की।
पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख तय की।
न्यायालय ने इस मामले में 10 अप्रैल को सुनवाई करते हुए निष्क्रियता बरतने के लिए उत्तराखंड के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के प्रति कड़ी नाराजगी जताई थी और कहा था कि वह इसे हल्के में नहीं लेगा, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि प्राधिकरण ने ‘‘जान-बूझकर’’ आंखें बंद कर रखी थी।
भाषा
गोला मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खबर लोस चुनाव झारखंड जयंत सिन्हा
8 hours agoLok Sabha Chunav 2024 : कांग्रेस और AAP पर जमकर…
6 hours ago