पेगासस मामला: गवाहों की पेशी नाकाम होने जैसे तरीकों से न्यायालय की कार्रवाई में बाधा नहीं डाल सकते : थरूर

पेगासस मामला: गवाहों की पेशी नाकाम होने जैसे तरीकों से न्यायालय की कार्रवाई में बाधा नहीं डाल सकते : थरूर

पेगासस मामला: गवाहों की पेशी नाकाम होने जैसे तरीकों से न्यायालय की कार्रवाई में बाधा नहीं डाल सकते : थरूर
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: October 28, 2021 12:34 am IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को आरोप लगाया कि गवाहों के पेश नहीं होने या उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से सदस्यों के इंकार करने जैसे तरीकों से उच्चतम न्यायालय की कार्रवाई को बाधित नहीं किया जा सकता है।

सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष थरूर ने उक्त टिप्पणी कर समिति द्वारा पेगासस मुद्दे पर चर्चा के दौरान उत्पन्न बाधाओं की ओर इशारा किया।

उच्चतम न्यायालय ने इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारत में कुछ लोगों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए बुधवार को विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और कहा कि सरकार हर बार राष्ट्रीय सुरक्षा की दुहाई देकर बच नहीं सकती और इसे ‘हौवा’ नहीं बनाया जा सकता जिसका जिक्र होने मात्र से न्यायालय खुद को मामले से दूर कर ले।

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अदालत का आदेश आने के बाद थरूर ने ट्वीट किया, ”उच्चतम न्यायालय ने भारत सरकार द्वारा पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर उपयोग किए जाने को लेकर जांच के आदेश दिए। ऐसा इसलिए क्योंकि तलब किए जाने पर गवाहों के पेश नहीं होने या सदस्यों द्वारा उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से इंकार करने जैसे तरीकों से उच्चतम न्यायालय की कार्रवाई को बाधित नहीं किया जा सकता, जिन तरीकों से संसदीय समिति के काम में रूकावट डाली गई।”

भाषा शफीक अर्पणा

अर्पणा


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