कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहे केरल में लोगों ने घरों में मनायी बकरीद

कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहे केरल में लोगों ने घरों में मनायी बकरीद

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  • Publish Date - July 21, 2021 / 07:25 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 21 जुलाई (भाषा) केरल के कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझने के कारण सार्वजनिक समारोहों पर पाबंदियों के चलते मुस्लिम समुदाय ने बुधवार को अपने घरों में सादगी से बकरीद मनायी।

ईदगाहों तथा मस्जिदों में इस साल बड़ी संख्या में एकत्रित होकर लोगों ने नमाज नहीं पढ़ी क्योंकि सरकार ने इस महीने संक्रमण के मामलों में गिरावट होने के बाद भी महामारी के फिर से फैलने की आशंका के चलते सख्त पाबंदियां लागू की हुई हैं।

महामारी संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करते हुए केवल 40 लोगों को ही एक साथ नमाज पढ़ने की अनुमति दी गयी है जिसके चलते दक्षिणी राज्य में मस्जिदों में चहल-पहल नहीं देखी गयी। मस्जिदों में नमाज पढ़ते समय लोगों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए देखा गया।

लोगों की सुरक्षा पर विचार करते हुए ज्यादातर मस्जिद प्राधिकारियों ने नमाजियों को ‘‘वुजू’’ (सफाई) करने के बाद और अपना ‘‘मुसल्ला’’ (बिछाने का कपड़ा) लेकर सुबह ईद की नमाज के लिए आने को कहा। नमाज पढ़ने के बाद लोग एक-दूसरे को गले लगाने से भी बचते दिखे।

तिरुवनंतपुरम के एक मुस्लिम युवक ने कहा, ‘‘यह काफी राहत की बात है कि इस मौके पर मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए कम से कम कुछ लोगों को तो अनुमति दी गयी।’’

हालांकि, घरों पर पारंपरिक व्यंजन बनाने और खिलाने के दशकों पुराने रिवाज में कोई बदलाव नहीं आया।

राज्य सरकार द्वारा रविवार से तीन दिन की रियायतों के कारण कई लोग खरीददारी करने के लिए दुकानों पर उमड़े थे। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने उन इलाकों में बकरीद के लिए सरकार की छूट की आलोचना की जहां संक्रमण दर अधिक है।

इसके बाद मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में दैनिक कोविड-19 आकलन बैठक में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि अब से पाबंदियों में कोई छूट नहीं होगी और मौजूदा पाबंदियां अगले हफ्ते भी जारी रहेंगी।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राज्य के लोगों को बकरीद की बधाई दी।

भाषा गोला वैभव

वैभव