Persona Non Grata: भारत में रहकर भारत की जासूसी कर रहा था पाकिस्तानी अफसर.. दिया गया 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश

2016 में भारत ने एक पाकिस्तानी राजनयिक को जासूसी के आरोप में निष्कासित कर दिया था। इसी तरह 2009 में वेनेजुएला और इज़राइल ने एक-दूसरे के राजनयिकों को गाजा हमले के बाद निकाल दिया था।

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Modified Date: May 14, 2025 / 07:03 AM IST
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Published Date: May 14, 2025 6:53 am IST
HIGHLIGHTS
  • भारत ने पाकिस्तानी राजनयिक को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित कर देश छोड़ने को कहा।
  • जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय दूतावास अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया।
  • "पर्सोना नॉन ग्राटा" के तहत बिना कारण बताए राजनयिक को निष्कासित किया जा सकता है।

Persona Non Grata in Hindi: नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है। भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के एक अधिकारी को “पर्सोना नॉन ग्रेटा” (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर देश छोड़ने को कहा है। वही इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भी इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को देश छोड़ने को कह दिया है।

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस भारतीय अधिकारी पर अपनी आधिकारिक जिम्मेदारियों से हटकर गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

पाकिस्तान ने एक्स (Twitter) पर एक पोस्ट में लिखा: “इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है… उसे 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है।” इस फैसले की जानकारी देने के लिए भारतीय प्रभारी डी’एफेयर को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय में बुलाया गया था।

क्या होता है “पर्सोना नॉन ग्राटा”?

दरअसल “पर्सोना नॉन ग्राटा” एक लैटिन शब्द है, जिसका मतलब होता है “अवांछित व्यक्ति”, यानी ऐसा शख्स जिसे कोई देश अपने यहां नहीं रखना चाहता।

कूटनीतिक भाषाण में इसका मतलब होता है कि किसी देश ने किसी विदेशी राजनयिक (जैसे दूतावास का कर्मचारी) को अपने देश में रहने या काम करने की अनुमति खत्म कर दी है। गौरतलब है कि, 1961 में हुए वियना समझौते के तहत देशों को यह अधिकार मिला कि वे किसी भी विदेशी राजनयिक को बिना कोई कारण बताए “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित कर सकते हैं।

कब होता है “पर्सोना नॉन ग्राटा” का इस्तेमाल?

“पर्सोना नॉन ग्राटा” का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी राजनयिक पर जासूसी जैसे गंभीर आरोप लगते हैं। इसके अलावा जब किसी देश को लगता है कि वह व्यक्ति उसकी सुरक्षा या नीति के लिए खतरा है या फिर सिर्फ विरोध जताने के लिए, जैसे राजनीतिक संदेश देने के लिए भी इसका उपयोग कूटनीतिक मामलों में किया जाता है।

इस तरह जिस व्यक्ति को यह दर्जा दिया गया है उसे देश छोड़ना होता है, या उसका कामकाज तुरंत रोक दिया जाता है। आदेश की अवहेलना करते हुए अगर वह नहीं जाता, तो उसे उस देश में राजनयिक मान्यता नहीं दी जाती।

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2016 में भारत ने एक पाकिस्तानी राजनयिक को जासूसी के आरोप में निष्कासित कर दिया था। इसी तरह 2009 में वेनेजुएला और इज़राइल ने एक-दूसरे के राजनयिकों को गाजा हमले के बाद निकाल दिया था। ब्रैड पिट को भी उनकी एक फिल्म के कारण चीन में अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया था। अमूमन इसका इस्तेमाल अक्सर देशों के बीच तनाव या विरोध जताने के लिए किया जाता है।

1. प्रश्न: "पर्सोना नॉन ग्राटा" का क्या मतलब होता है?

उत्तर: यह एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है "अवांछित व्यक्ति" — जिसे देश में नहीं रखा जाएगा।

2. प्रश्न: किस स्थिति में किसी को "पर्सोना नॉन ग्राटा" घोषित किया जाता है?

उत्तर: जब किसी राजनयिक पर जासूसी, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों या अनुचित हस्तक्षेप का संदेह हो।

3. प्रश्न: क्या "पर्सोना नॉन ग्राटा" घोषित व्यक्ति को देश छोड़ना जरूरी होता है?

उत्तर: हां, उसे 24-48 घंटे में देश छोड़ना होता है, अन्यथा उसकी राजनयिक मान्यता समाप्त हो जाती है।