वाहनों के लंबित चालान, फिटनेस प्रमाणपत्र को लेकर याचिका: उच्च न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा

वाहनों के लंबित चालान, फिटनेस प्रमाणपत्र को लेकर याचिका: उच्च न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा

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  • Publish Date - October 8, 2020 / 12:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘फिटनेस’ प्रमाणपत्र या अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) आदि हासिल करने के लिये संबद्ध वाहन के खिलाफ लंबित सभी चालान भरने के प्रावधान को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने परिवहन मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी कर एक टैक्सी मालिक की याचिका पर अपना रुख बताने को कहा।

टैक्सी मालिक के वाहन के फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के लिये अर्जी पर विचार नहीं किया गया था क्योंकि वाहन से संबंधित कई चालान लंबित थे।

टैक्सी मालिक धर्मेंद्र कुमार ने अधिवक्ता प्रवीण अग्रवाल के मार्फत दायर अपनी याचिका में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत निर्धारित प्रावधान रद्द करने की मांग की।

यह एसओपी मंत्रालय ने 2018 में जारी की थी। एसओपी में एनओसी या फिटनेस प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं प्राप्त करने के लिये सभी लंबित चालान भरने का प्रावधान है।

याचिका में दलील दी गई है कि एसओपी के तहत इस तरह का प्रावधान मोटर वाहन अधिनियम और इसके तहत बनाये गये नियमों का उल्लंघन है।

यह भी दलील दी गई कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जो चालान लंबित हैं उससे जुड़े अपराध के लिये चालक जिम्मेदार है, ना कि वाहन जिम्मेदार है।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि एसओपी के प्रावधान का इस्तेमाल वाणिज्यिक वाहनों के चालकों/ मालिकों को चालान भरने के लिये मजबूर करने के औजार के रूप में किया जा रहा है तथा यह निजी वाहनों के मालिकों/ चालकों को प्रभावित नहीं करता है।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप