‘प्लीज मेरा गला घोंटकर मुझे मार दें, फेमस अभिनेत्री ने आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान होकर लगाई गुहार

'प्लीज मेरा गला घोंटकर मुझे मार दें, फेमस अभिनेत्री ने आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान होकर लगाई गुहार

‘प्लीज मेरा गला घोंटकर मुझे मार दें, फेमस अभिनेत्री ने आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान होकर लगाई गुहार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: July 15, 2021 2:30 pm IST

मुंबई। ‘प्लीज मेरा गला घोंटकर मुझे मार दें, मुझे ऐसी जिंदगी नहीं जीनी है। इससे बेहतर तो है कि मैं मर जाऊं, मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है, जो मुझे संभाले..’ ये बोल एंबुलेंस के स्ट्रेचर पर लेटीं एक्ट्रेस सविता बजाज के हैं, उनकी बिगड़ती हालत को देखकर उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, सविता वहां बैठे स्टाफ से गिड़गिड़ाते हुए मौत की गुहार लगा रहीं थीं।
इंडस्ट्री की जानी-मानी वेटरेन एक्ट्रेस सविता बजाज इन दिनों अपनी तंगहाली से इतनी मजबूर हैं कि उन्हें मौत के अलावा और कुछ भी नहीं सूझ रहा है।

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बता दें, सविता इन दिनों बेहद ही बीमार चल रही हैं, सांस फूलने की बीमारी और पैसे की कमी के बीच उलझीं सविता के पास उम्मीद का कोई सहारा नहीं हैं, सविता कहती हैं,’मेरी हालत बिलकुल भी ठीक नहीं है, मेरा यहां कोई नहीं है, मैंने पैसे तो बहुत कमाए थे, लेकिन सब इलाज में खत्म हो गए। बैंक में मेरे पास महज 35 हजार रुपये थे, वो भी अब निकल गए हैं।’ आजतक किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया है, अब उम्र के इस पड़ाव में पैसे मांगना बहुत बुरा लगता है। इससे अच्छा, तो ऊपरवाला मुझे उठा ले।

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जब नुपुर अलंकार (को-एक्ट्रेस) मुझसे मिलने आईं और उन्होंने मीडिया में अपनी हालात बताने को कहा, तो मैं उनसे गुस्सा हो गई थी, मैंने अपनी खुद्दारी का उन्हें वास्ता दिया था। मैं जानती हूं कि यहां कोई सगा नहीं है, मदद के लिए नहीं आएंगे। मजबूरी क्या क्या करवाए, अब जब मीडिया के सामने भी खबर गई, तो मुझे कोई खास मदद नहीं मिली है। लोग हाल-चाल पूछते हैं, लेकिन पैसे की मदद के लिए कोई आगे नहीं आता है। अभी तो बस सिंटा का ही भरोसा है। उनसे मिलने वाली मदद से ही ये वक्त कट रहा है।

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नुपुर आगे कहती हैं, उनको इस दुनिया में अकेला देखकर मैं उन पर नजर रखने लगी, वे इस दौरान बीमारी की वजह से अस्पताल में एडमिट होती रही हैं। लेकिन बीच में ही ईलाज छोड़कर वापस घर लौट जाती थीं, दरअसल उनके पास बिल जमा करने के लिए पैसा नहीं होते थे। मैं अचानक से उनसे मिलने घर चली गई, घर जाकर जो उनकी हालत देखी, मुझे लगा कि उनकी तबियत बिगड़ी जा रही है। आखिरकार वे अस्पताल में दाखिल हुईं, वहां उनके बैंक के सारे पैसे खत्म हो गए। तब जाकर उन्होंने मुझे बताया कि नुपुर आजतक किसी के सामने हाथ नहीं फैलाए हैं, लेकिन अब मेरे पास पैसे नहीं हैं क्या करूं। तब मैंने उन्हें मीडिया में अपनी हालात बताने को कहा, जिसे सुनकर वे मुझपर गुस्सा हो गईं और कहने लगीं कि कोई मदद नहीं करेगा, काफी जोर देने पर वे राजी हुईं। वे फिलहाल अस्पताल में हैं और मैं उनकी देखभाल कर रही हूं, किराए वाला घर देखकर आप हैरान हो जाएंगे, घर पूरी तरह से तितर बितर है, मैं रोजाना जाकर झाड़ू पोछा कर देती हूं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com