प्रधानमंत्री ने आरएसएस की तारीफ कर शहीदों की स्मृति का अपमान किया: माकपा
प्रधानमंत्री ने आरएसएस की तारीफ कर शहीदों की स्मृति का अपमान किया: माकपा
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ कर देश की आजादी के लिए शहीद होने वालों की स्मृति का अपमान किया है।
पार्टी महासचिव एम ए वेबी ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और इतिहासकारों ने ‘‘सांप्रदायिक दंगे भड़काने’’ में इस संगठन की भूमिका का दस्तावेजीकरण किया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘79वें स्वतंत्रता दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। औपनिवेशिक शासन से आज़ादी की भारत की यात्रा लंबी और कठिन थी। शहीद भगत सिंह और अशफ़ाक़उल्लाह ख़ान जैसे शहीद न सिर्फ़ आज, बल्कि हर दिन हमारी यादों में ज़िंदा हैं।’’
वामपंथी नेता ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद से लेकर कॉमरेड पी. कृष्ण पिल्लई तक और अनगिनत अन्य लोगों द्वारा किए गए निस्वार्थ संघर्ष हमारी आज़ादी की नींव हैं।’’
बेबी ने आरोप लगाया कि आरएसएस की प्रशंसा करके प्रधानमंत्री ने ‘‘हमारे शहीदों की स्मृति का अपमान किया है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 साल पूरा होने का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन की राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह प्रेरणा देता रहेगा।
भाषा हक
हक वैभव
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