नई दिल्ली । नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित करने से पहले अधिनम महंतों का आशीर्वाद लेते हुए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा सेंगोल को वाकिंग स्टिक के रूप में आनंद भवन में रख दिया गया था। आपका ये सेवक और हमारी सरकार अब उस सेंगोल को आनंद भवन से निकाल कर लाई है। आज आज़ादी के उस प्रथम पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय हमें फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है।
आज मेरे निवास स्थान पर आप सभी के चरण पड़े हैं ये मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि कल नए संसद भवन के लोकार्पण के समय आप सभी वहां आकर आशीर्वाद देने वाले हैं। तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था, सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की ज़िम्मेदारी है और वो कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा।
हमारे स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की आज़ादी में तमिल लोगों के योगदान को वो महत्व नहीं दिया गया जो दिया जाना चाहिए था। अब भाजपा ने इस विषय को प्रमुखता से उठाना शुरू किया है।
तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था, सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की ज़िम्मेदारी है और वो कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा: नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित करने से पहले अधिनम महंतों का आशीर्वाद लेते हुए… pic.twitter.com/GOXrhN2N62
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 27, 2023