पोलावरम परियोजना ओडिशा के मलकानगिरी जिले के 236 गांवों को प्रभावित करेगी: बीजद

पोलावरम परियोजना ओडिशा के मलकानगिरी जिले के 236 गांवों को प्रभावित करेगी: बीजद

पोलावरम परियोजना ओडिशा के मलकानगिरी जिले के 236 गांवों को प्रभावित करेगी: बीजद
Modified Date: September 10, 2024 / 02:22 pm IST
Published Date: September 10, 2024 2:22 pm IST

भुवनेश्वर, 10 सितंबर (भाषा) विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने मंगलवार को दावा किया कि पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में बहुउद्देश्यीय पोलावरम परियोजना ओडिशा के मलकानगिरी जिले के 236 गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन और आजीविका को प्रभावित करेगी।

विपक्षी दल ने यह दावा देबी प्रसाद मिश्रा के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं वाले पार्टी के तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर किया। टीम ने इलाके का दौरा करने के बाद हाल ही में बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कालीमेला और पाडिया ब्लॉक में रहने वाले लोगों के साथ-साथ मलकानगिरी जिले में मोटू ग्राम पंचायत के निवासी परियोजना के ‘बैकवाटर’ में अपने घरों और कृषि भूमि को खो देंगे।

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मिश्रा ने कहा, ‘‘वैसे भी, मलकानगिरी जिले में अधिक बारिश होती है। पोलावरम परियोजना का बैकवाटर मलकानगिरी जिले में स्थिति को और खराब कर देगा।’’

बीजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने पटनायक को परियोजना क्षेत्र की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना से 236 गांवों के लोग प्रभावित होंगे।

विपक्ष के नेता के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पटनायक ने सुझाव दिया कि बीजद नेता संसद से लेकर राज्य विधानसभा और ग्राम पंचायत स्तर तक सभी स्तरों पर परियोजना का कड़ा विरोध करें।

बयान के मुताबिक पटनायक ने कहा, ‘‘बीजद आदिवासी भाइयों और बहनों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी।’’

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि परियोजना के कारण मोटू का ब्लॉक मुख्यालय शहर पूरी तरह से जलमग्न हो जाएगा।

आठ अगस्त को क्षेत्र का दौरा करने वाले दल ने यह भी पाया कि परियोजना को लागू करने वाले अधिकारियों द्वारा प्रभावित गांवों में कोई सार्वजनिक परामर्श या सुनवाई आयोजित नहीं की गई थी।

इसके अलावा, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पशुधन, कृषि उत्पाद, सरकारी संस्थानों, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और पर्यावरण को संभावित नुकसान का आकलन करने के लिए कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश


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