प्रदूषण पर नियंत्रणः दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्यों से पुरानी बसें नहीं भेजने को कहा |

प्रदूषण पर नियंत्रणः दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्यों से पुरानी बसें नहीं भेजने को कहा

प्रदूषण पर नियंत्रणः दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्यों से पुरानी बसें नहीं भेजने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : October 7, 2022/5:27 pm IST

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित अन्य पड़ोसी राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी के लिए पुरानी और बिना वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र वाली बसें नहीं चलाने का आग्रह किया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को अन्य राज्यों के अपने समकक्षों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक की।

घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने कहा, “हमने उनसे पुरानी बसें दिल्ली नहीं भेजने का आग्रह किया। हमने उनसे कहा कि उन्हें आठ साल से अधिक पुरानी बसें दिल्ली नहीं भेजनी चाहिए, ताकि प्रदूषण के स्तर में कमी लाने में मदद मिल सके।”

सूत्र ने कहा, “एक और आग्रह किया गया कि दिल्ली के लिए एैसी बसें नहीं चलाई जाएं, जिनके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) नहीं है।”

2018 में उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में क्रमशः 10 साल और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।

वहीं, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का 2014 में पारित एक आदेश 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने की अनुमति नहीं देता है।

दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर माह में चरम पर पहुंच जाता है।

दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक अभियान चला रही है कि बिना वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र वाली बसें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश न कर पाएं।

एक अधिकारी ने कहा, “हमारे पास वायु प्रदूषण का डेटा है और हम उसके आधार पर लक्षित कदम उठा रहे हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि आनंद विहार दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक है। वहां एक औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ अंतर राज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) भी है।”

अधिकारी ने बताया, “उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित अन्य राज्यों से आने वाली बसों के पीयूसीसी की जांच के लिए हमारी प्रवर्तन टीमों को इस सप्ताह से आईएसबीटी पर तैनात किया गया है।”

उन्होंने कहा कि आनंद विहार में चलाए जा रहे अभियान के दौरान अभी तक बिना वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र वाली कोई भी बस चलती नहीं मिली है।

दिल्ली में बाहरी राज्यों से रोजाना औसतन 1,500 से अधिक बसों के प्रवेश करने का अनुमान है।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers