रणथंभौर की लोकप्रिय बाघिन एरोहेड की ब्रेन ट्यूमर से मौत

रणथंभौर की लोकप्रिय बाघिन एरोहेड की ब्रेन ट्यूमर से मौत

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  • Publish Date - June 19, 2025 / 10:46 PM IST,
    Updated On - June 19, 2025 / 10:46 PM IST

जयपुर, 19 जून (भाषा) रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की लोकप्रिय बाघिनों में से एक एरोहेड की मौत हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

वन अधिकारियों ने बताया कि एरोहेड (टी-84) की ब्रेन ट्यूमर से मौत हुई है।

उल्लेखनीय है कि लगभग 11 वर्षीय ऐरोहेड रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की प्रसिद्ध बाघिन ‘मछली’ के परिवार से थी।

थोड़े दिन पहले ही एरोहेड उस समय सुर्खियों में आई थी जब उसने एक जलाशय में मगरमच्छ का शिकार किया था और इसका एक वीडियो वायरल हो गया।

वन्य जीव प्रेमियों के अनुसार, एरोहेड द्वारा इस तरह किए गए शिकार ने ‘मछली’ के शिकार कौशल की याद दिला दी, जिसे अक्सर ‘रणथंभौर की रानी’ और ‘मगरमच्छ शिकारी’ के रूप में जाना जाता था।

वन अधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों ने बृहस्पतिवार को एरोहेड को अंतिम संस्कार से पहले भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

रणथंभौर के वरिष्ठ वन्यजीव गाइड शाकिर अली ने कहा, ‘एरोहेड ने ताकत और भावना दोनों ही रूप में अपनी मां ‘मछली’ की विरासत को आगे बढ़ाया।’

रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप के आर के अनुसार, इस बाघिन का जन्म फरवरी 2014 में हुआ था। उसे ज्यादातर उद्यान के जोन 2, 3, 4 और 5 में देखा गया था, जिसमें नलघाटी और राजबाग झील उसका मुख्य क्षेत्र था।

उन्होंने कहा, ‘एरोहेड को न केवल उसके आकर्षक रूप के लिए बल्कि बाघों की आबादी बढ़ाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी सराहा गया।’

एरोहेड चार बार मां बनी और 10 शावकों को जन्म दिया जिनमें से छह अब भी जीवित हैं। यह बाघिन आखिरी बार 2023 में मां बनी थी।

यह भी उल्लेखनीय है कि उसकी मृत्यु उसकी संतान ‘कनकती’ को वन विभाग द्वारा उद्यान से बाहर ले जाने के कुछ ही दिनों बाद हुई है।

रणथंभौर नेचर गाइड एसोसिएशन के सदस्यों व अन्य वन्यजीव प्रेमियों ने एरोहेड को पुष्पांजलि अर्पित की।

एसोसिएशन के अध्यक्ष यादवेंद्र सिंह ने कहा कि एरोहेड को उसके उग्र स्वभाव और उद्यान की पारिस्थितिक विरासत पर गहरी छाप के लिए याद किया जाएगा।

भाषा पृथ्वी नोमान जितेंद्र

जितेंद्र