नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने देश में उपलब्ध मानसिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के बारे में सूचना मुहैया करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया है और 31 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इस उद्देश्य के लिए अब तक जरूरी विवरण दिया है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने हालांकि इन दलीलों का संज्ञान लिया कि झारखंड, बिहार और केंद्र शासित क्षेत्र लक्षद्वीप ने पोर्टल पर डालने के लिए विवरण मुहैया नहीं दिया है। न्यायालय ने उन्हें दो हफ्तों में ऐसा करने का निर्देश दिया।
पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जरूरी सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं।’’ साथ ही, न्यायालय ने अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर जनहित याचिका की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद के लिए निर्धारित कर दी।
सुनवाई की शुरूआत में, केंद्र की ओर से पेश होते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) माधवी दीवान ने कहा कि वह न्यायालय में एक प्रस्तुति देकर यह दिखाना चाहेंगी कि ये केंद्र भारत में कहां-कहां स्थित हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने एएसजी को अगली बार न्यायालय में स्क्रीन पर पोर्टल के संचालन को दिखाने को कहा।
इससे पहले, पिछले साल 22 नवंबर को केंद्र सरकार ने पीठ को बताया था कि वह पोर्टल स्थापित करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है।
बंसल ने अपनी याचिका में, देशभर में फैले विभिन्न अस्पतालों और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में अभी रखे गये मानसिक रोगियों के पुनर्वास व कोविड-19 टीकाकरण का अनुरोध किया है।
भाषा सुभाष पवनेश
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