बिहार चुनाव में हार के बाद कर्नाटक कांग्रेस में ‘सत्ता संघर्ष’ तेज होगा : भाजपा

बिहार चुनाव में हार के बाद कर्नाटक कांग्रेस में ‘सत्ता संघर्ष’ तेज होगा : भाजपा

बिहार चुनाव में हार के बाद कर्नाटक कांग्रेस में ‘सत्ता संघर्ष’ तेज होगा : भाजपा
Modified Date: November 14, 2025 / 10:31 pm IST
Published Date: November 14, 2025 10:31 pm IST

बेंगलुरु, 14 नवंबर (भाषा) कर्नाटक में विपक्षी भाजपा ने शुक्रवार को दावा किया की कि आने वाले दिनों में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर ‘‘सत्ता संघर्ष’’ और तेज होने की संभावना है।

भाजपा के अनुसार, बिहार चुनाव में हार के बाद कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व ‘‘कमजोर’’ हो गया है जबकि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और मजबूत होकर उभरेंगे, जिससे राज्य में ‘‘मुख्यमंत्री परिवर्तन’’ का संभावित मुद्दा और जोर पकड़ेगा।

कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, ‘‘अगर आज कांग्रेस में कोई खुश है और जश्न मनाने के मूड में है, तो वह सिद्धरमैया हैं। वह खुश होंगे… बिहार के नतीजों के बाद कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व कमजोर हो रहा है जबकि सिद्धरमैया और मजबूत होंगे।’’

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भाजपा नेता ने कहा, ‘‘वह (सिद्धरमैया) पहले भी अन्य दलों के साथ रहे हैं, इसलिए उन्हें पता है कि चीजों को कैसे संभालना है। अब वह राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व के साथ खेल खेलेंगे।’’

यहां भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए अशोक ने दावा किया कि कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह और गहरी होगी तथा सत्ता हस्तांतरण से जुड़े मुद्दे जोर पकड़ेंगे।

कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर संभावित नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, कुछ लोग सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के बीच कथित ‘‘सत्ता-साझाकरण’’ समझौते का हवाला दे रहे हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद वरिष्ठ विधायक सी एन अश्वथ नारायण और बेंगलुरु मध्य के सांसद पी सी मोहन ने दावा किया कि बिहार में राजग के मजबूत प्रदर्शन से कर्नाटक में भी भाजपा मजबूत होगी।

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश


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