राष्टूपति मुर्मू मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर इंफाल पहुंचीं

राष्टूपति मुर्मू मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर इंफाल पहुंचीं

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 02:09 PM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 02:09 PM IST

इंफाल, 11 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार दोपहर को संघर्षरत मणिपुर का अपना दो दिवसीय दौरा शुरू किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

राष्ट्रपति बनने के बाद मुर्मू का इस पूर्वोत्तर राज्य का यह पहला दौरा होगा। उनका यह दौरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 13 सितंबर को राज्य के दौरे के लगभग तीन महीने बाद हो रहा है। मोदी ने मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद पहली बार राज्य का दौरा किया था।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के विमान से इंफाल हवाई अड्डे पर पहुंचीं। वह लगभग सात किलोमीटर दूर स्थित लोक भवन तक सड़क मार्ग से पहुंचीं।’’ उन्होंने यह भी बताया कि सशस्त्र बलों ने सड़कों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कर रखी थी।

राष्ट्रपति के दौरे के विरोध में उग्रवादी संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किए जाने के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

अधिकारी ने बताया कि मुर्मू बाद में लोक भवन से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित मापाल कांगजेइबुंग (इंफाल पोलो ग्राउंड) में युवा मामले और खेल विभाग द्वारा आयोजित पोलो प्रतियोगिता में भाग लेंगी।

वह मणिपुर में वैष्णव धर्म के प्रमुख केंद्र श्री गोविंदजी मंदिर में प्रार्थना कर सकती हैं।

अधिकारियों ने बताया कि शाम को वह लोक भवन में विश्राम करने से पहले सिटी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक नागरिक स्वागत समारोह में भाग लेंगी।

शुक्रवार को मुर्मू के नगा बहुल सेनापति जिले में वार्षिक नुपी लान समारोह और एक अन्य कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है।

नुपी लान स्मारक ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों के विरोध में 1904 और 1939 में महिलाओं के नेतृत्व में हुए दो आंदोलनों की याद में बनाया गया है।

इस बीच, प्रतिबंधित संगठनों के एक समूह कोऑर्डिनेशन कमेटी (कोरकॉम) द्वारा मुर्मू के दौरे के विरोध में बुधवार देर रात एक बजे से उनके प्रस्थान तक बुलाए गए बंद के कारण इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है।

बाजार और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं तथा सड़कों से वाहन नदारद हैं।

मणिपुर में मई 2023 से इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और आसपास की पहाड़ियों में रहने वाले कुकी समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

भाषा गोला सुरभि

सुरभि