नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस सांसद जेबी माथेर हीशम ने केरल के औषधि नियंत्रण विभाग की जांच की मांग करते हुए दावा किया कि हाल के छापों ने राज्य में नकली और घटिया दवाओं की भरमार को उजागर किया है।
इस पर माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने कड़ा विरोध जताया।
शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए हीशम ने कहा कि कोझिकोड, त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में मारे गए छापों ने केरल के फार्मास्युटिकल बाजार में नकली दवाओं की भयावह स्थिति को उजागर किया है।
उन्होंने कहा, “यह कोई मामूली चूक नहीं है। ये छापे राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग की पूर्ण असफलता और अक्षमता को उजागर करते हैं। इसकी लापरवाही ने बाहर के निर्माता और मार्केटिंग कंपनियों को घटिया दवाएं केरल में बेचने की अनुमति दी।”
उन्होंने हालांकि माना कि यह समस्या केवल केरल तक सीमित नहीं है और पूरे देश में नकली दवाओं में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन हीशम ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली की ‘विफलता’ पर विशेष जोर दिया।
कांग्रेस सदस्य ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर खामियों का भी जिक्र किया। उन्होंने तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के डॉ. हैरिस का उदाहरण दिया, जिन्हें कथित तौर पर मूलभूत सर्जिकल उपकरणों की कमी सार्वजनिक रूप से उजागर करने पर मजबूर होना पड़ा।
हीशम ने कहा, “सर्जरी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो रही हैं। ऑपरेशन थिएटर उपकरणों और रख-रखाव की कमी के कारण निष्क्रिय हैं। डॉक्टरों की चिंताओं की बार-बार अनदेखात्री की जा रही है, जिससे मरीजों को अपनी जेब से सर्जिकल आइटम खरीदने पड़ते हैं। यह प्रशासनिक या प्रणालीगत त्रुटि नहीं है, यह पूर्ण रूप से दुराचार है।”
उन्होंने कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में भवन ध्वस्त होने की घटना का भी जिक्र किया, जिसमें कुछ लोग मारे गए थे। उन्होंने इसे वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य प्रणाली के पतन का प्रतीक बताया। जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का नाम लिया, सभापति सीपी राधाकृष्णन ने हस्तक्षेप किया।
हीशम ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के माध्यम से केरल औषधि नियंत्रण विभाग की व्यापक जांच करवाई जाए, ताकि पारदर्शिता बहाल हो सके और राज्य में दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
उनकी बातों पर तत्काल विरोध जताते हुए माकपा सदस्य ब्रिटास ने नियम 258 के तहत आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “कोई सदस्य सदन में गलत जानकारी नहीं दे सकता। सभी नकली दवाएं कहीं और बनीं और केरल लाई गईं।”
ब्रिटास ने नकली दवाओं की पहचान में राज्य सरकार की दक्षता की सराहना की और मुख्यमंत्री पर की गई टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाने की मांग की।
सभापति ने सदन को आश्वासन दिया कि वह रिकॉर्ड देखेंगे।
शून्यकाल में ही भाजपा के हर्ष महाजन, चुन्नीलाल गरासिया, तेजवीर सिंह, सदानंद महालू शेट तानवड़े और जगेश, तृणमूल कांग्रेस के समीरुल इस्लाम और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मेदा रघुनाधा रेड्डी ने भी आसन की अनुमति से लोक महत्व से जुड़े अपने-अपने मुद्दे उठाए।
भाषा मनीषा अविनाश
अविनाश