नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के लक्ष्मण ने निजी अस्पतालों के “शोषणकारी चलन” पर चिंता जताते हुए सरकार से पारदर्शी और मानकीकृत मेडिकल बिल व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए लक्ष्मण ने कहा कि मानक प्रक्रियाओं के अभाव में कई परिवार भारी भरकम मेडिकल बिल से परेशान हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ निजी कॉरपोरेट अस्पतालों के शोषणकारी चलन में वृद्धि हुई है। मरीजों, नागरिक समाज और उपभोक्ता संगठनों की रिपोर्ट में अनावश्यक डायग्नोस्टिक टेस्ट, कोई चिकित्सीय आवश्यकता न होने के बावजूद अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रखना और अस्पष्ट बिल प्रक्रियाओं का एक चिंताजनक पैटर्न सामने आया है।”
लक्ष्मण ने कहा कि पारदर्शी नियमों के अभाव में लोगों के पास विकल्प कम रह जाते हैं और कई परिवार कठिनाई में पड़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि रिपोर्टों के अनुसार, कुछ अस्पताल ओपीडी शुल्क के रूप में 1,500 से 2,000 रुपये लेते हैं, जो आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत कवर नहीं होते।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि पारदर्शी बिल व्यवस्था, प्रोटोकॉल का मानकीकरण और मजबूत नियामक ढांचे को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा, “यदि आप 2047 तक विकसित भारत हासिल करना चाहते हैं, तो एक स्वस्थ कार्यबल आवश्यक है।”
भाषा मनीषा अविनाश
अविनाश