मुनंबम वक्फ भूमि पर विरोध प्रदर्शन समाप्त, नए गुट ने नया आंदोलन शुरू किया

मुनंबम वक्फ भूमि पर विरोध प्रदर्शन समाप्त, नए गुट ने नया आंदोलन शुरू किया

मुनंबम वक्फ भूमि पर विरोध प्रदर्शन समाप्त, नए गुट ने नया आंदोलन शुरू किया
Modified Date: November 30, 2025 / 07:51 pm IST
Published Date: November 30, 2025 7:51 pm IST

कोच्चि, 29 नवंबर (भाषा) वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई भूमि को लेकर मुनंबम में परिवारों द्वारा की जा रही क्रमिक भूख हड़ताल रविवार को समाप्त हो गई।

मुनंबम स्थित वेलंकन्नी मठ चर्च में मुनंबम भूमि संरक्षण परिषद द्वारा आयोजित 414 दिनों के आंदोलन का समापन एक कार्यक्रम के साथ हुआ जिसमें राजस्व मंत्री के राजन और कानून मंत्री पी राजीव ने भाग लिया।

परिषद के संयोजक जोसेफ बेनी ने कहा कि पिछले चार वर्षों में मुनंबम में 610 परिवारों को राजस्व अधिकारों से वंचित किया गया है।

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बेनी ने कहा, ‘वक्फ संशोधन विधेयक ने हमारे आंदोलन की ओर राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। हमें विभिन्न राजनीतिक दलों से समर्थन मिला।’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भूमि दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक हेल्प डेस्क स्थापित करने का वादा किया है।

कानून मंत्री पी राजीव ने कहा कि सरकार निवासियों के कानूनी अधिकार सुनिश्चित करेगी और इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘मुनंबम मुद्दे से संबंधित कई अदालती आदेशों के कारण जटिलताएं हैं। इस संदर्भ में हमने मामले का अध्ययन करने के लिए एक न्यायिक आयोग नियुक्त किया है। शुरू से ही हमारा रुख यह रहा है कि यहां के निवासी वास्तविक मालिक हैं और उनके भूमि अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।’

मंत्री के राजन ने कहा कि सरकार न्यायिक आयोग के माध्यम से स्थायी समाधान चाहती है।

विरोध प्रदर्शन वापस लेने का यह फैसला केरल उच्च न्यायालय के उस हालिया निर्देश के बाद आया है जिसमें राज्य सरकार को मामले के निपटारे तक निवासियों से भूमि कर स्वीकार करने की अनुमति दी गई थी। इस बीच हड़ताल खत्म करने को लेकर प्रदर्शनकारियों में मतभेद उभर आए हैं।

एक अन्य गुट ने चर्च परिसर के बाहर नया आंदोलन शुरू कर दिया है। गुट के नेताओं ने कहा कि वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि केवल कर वसूली की अनुमति देने से पूर्ण राजस्व अधिकार बहाल नहीं हुए हैं।

यह मामला मुनंबम में लगभग 404 एकड़ जमीन से जुड़ा है जिस पर हाल ही में वक्फ का दावा किया गया था। तब से सरकार ने विवादित जमीन पर रहने वाले परिवारों से भूमि कर लेना बंद कर दिया है।

भाषा

शुभम नरेश

नरेश


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