(तस्वीरों के साथ)
हैदराबाद, 19 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि लोक सेवा आयोगों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने के साथ-साथ पारदर्शिता को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर दक्ष सिविल सेवकों की टीम विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
यहां लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने यह भी कहा कि लोक सेवा आयोगों को भर्ती किए जाने वाले उम्मीदवारों की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के पहलू को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘लोक सेवा आयोगों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने, पारदर्शिता और विश्वसनीयता को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर दक्ष सेवकों की टीम विकसित करने की आवश्यकता है।’’
मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जनहितैषी नीतियों को लागू करने के लिए स्थायी कार्यपालिका में शामिल सिविल सेवकों की सत्यनिष्ठा, संवेदनशीलता और योग्यता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि ईमानदारी और सत्यनिष्ठा सर्वोपरि हैं तथा इनसे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
मुर्मू ने कहा कि कौशल और योग्यता की कमी को प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अन्य रणनीतियों के माध्यम से दूर किया जा सकता है लेकिन सत्यनिष्ठा की कमी गंभीर चुनौतियां पैदा कर सकती है, जिन पर नियंत्रण पाना असंभव हो सकता है।
राष्ट्रपति ने लोक सेवा आयोगों से उम्मीदवारों के नैतिक दृष्टिकोण को समझने में सहायक साधनों और तकनीकों की तलाश करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोगों को लैंगिक संवेदनशीलता को उच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि सम्मेलन में प्रौद्योगिकी, कानूनी पहलुओं और भर्ती की पूरी प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श से आयोगों के समक्ष मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए भविष्योन्मुखी और उपयोगी समाधान निकलेंगे।’’
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत के विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था और अपार विविधता से संपन्न राष्ट्र होने के नाते सभी स्तरों पर सबसे प्रभावी शासन प्रणालियों की आवश्यकता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोक सेवा आयोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहेंगे और उनके द्वारा चयनित तथा निर्देशित सिविल सेवकों के भविष्य के लिए तैयार टीम के निर्माण में योगदान देंगे।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान का एक पूरा भाग सेवाओं और लोक सेवा आयोगों को समर्पित किया है। यह केंद्र और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोगों की भूमिकाओं और कार्यों को दिए गए महत्व को दर्शाता है।’’
तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष अजय कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
भाषा गोला नेत्रपाल
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