punjab haryana high court on 16 years old muslim girl marriage

’16 साल की मुस्लिम लड़की Adult की तरह अपनी मर्जी से कर सकती है ये काम’

punjab haryana high court hearing : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एकल जज पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। इसके तहत मुस्लिम लड़की 16 साल की उम्र ...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : June 20, 2022/3:01 pm IST

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एकल जज पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। इसके तहत मुस्लिम लड़की 16 साल की उम्र होने पर अपनी मर्जी से शादी कर सकती है। इसके पीछे कोर्ट ने इस्लामिक कानून का हवाला दिया है, जिसमें लड़का लड़की में किशोरावस्था में यौन लक्षण उभरने के साथ ही उनको वयस्क मन लिया जाता है।

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दरअसल, घर वालों की मर्जी के बिना निकाह करने वाले मुस्लिम जोड़े ने अपनी सुरक्षा को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। उसी अर्जी को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने पठानकोट के एसएसपी को 16 वर्षीय लड़की को पति के साथ रहने के लिए जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।

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हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिमों का निकाह मुस्लिम पर्सनल लॉ के अधीन होता है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो यौन परिपक्वता प्राप्त कर लेता है, वह शादी के योग्य माना जाता है। साथ ही यह भी स्पष्टीकरण है कि यदि सुबूत मौजूद नहीं है तो 15 वर्ष की आयु को शादी योग्य माना जाता है। हाईकोर्ट ने कहा कि देश के हर एक नागरिक को जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा का अधिकार है। दंपति ने याचिका में बताया कि उन्होंने 8 जून को इस्लामिक रीति से निकाह किया। लेकिन दोनों के घरवाले उनकी जान के पीछे पड़े हैं।

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