पंजाब: सोमवार को इस सीजन में एक दिन में पराली जलाने के सबसे अधिक 147 मामले दर्ज

पंजाब: सोमवार को इस सीजन में एक दिन में पराली जलाने के सबसे अधिक 147 मामले दर्ज

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  • Publish Date - October 28, 2025 / 12:57 AM IST,
    Updated On - October 28, 2025 / 12:57 AM IST

चंडीगढ़, 27 अक्टूबर (भाषा) पंजाब में सोमवार को इस सीजन में एक दिन में पराली जलाने के सबसे अधिक 147 मामले दर्ज किए गए और 15 सितंबर से अब तक पराली जलाने की ऐसी 890 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, तरनतारन और अमृतसर जिलों में पराली जलाने के सबसे अधिक मामले सामने आए। पीपीसीबी के मुताबिक, कई किसान राज्य सरकार की पराली जलाने से रोकने की अपील की लगातार अवहेलना कर रहे हैं।

राज्य में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 20 अक्टूबर से 537 तक बढ़ गई है, जबकि 20 अक्टूबर को यह आंकड़ा 353 था।

आंकड़ों के अनुसार, पराली जलाने की सबसे अधिक 249 घटनाएं तरनतारन में सामने आईं, इसके बाद अमृतसर में 169, फिरोजपुर में 87, संगरूर में 79, पटियाला में 46, गुरदासपुर में 41, बठिंडा में 38 और कपूरथला में 35 घटनाएं दर्ज की गईं।

पठानकोट और रूपनगर जिलों में अब तक पराली जलाने की कोई घटना सामने नहीं आई है। एसबीएस नगर और होशियारपुर में तीन-तीन, मलेरकोटला में चार और लुधियाना में नौ मामले सामने आए हैं।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए अक्सर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है।

चूंकि, अक्टूबर-नवंबर में धान की कटाई के बाद रबी फसल-गेहूं-की बुवाई का समय बहुत कम होता है, इसलिए कुछ किसान फसल अवशेषों को जल्दी से हटाने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं।

पीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल पंजाब में धान की खेती का कुल रकबा 31.72 लाख हेक्टेयर है और 26 अक्टूबर तक इस रकबे के 59.82 प्रतिशत हिस्से की कटाई हो चुकी थी।

पीपीसीबी के अनुसार, अब तक 386 मामलों में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 19.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 13.40 लाख रुपये वसूले जा चुके हैं।

आंकड़ों से यह भी पता चला है कि इस अवधि के दौरान भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा) के तहत खेत में आग लगाने की घटनाओं के खिलाफ 302 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

भाषा सुरभि पारुल

पारुल