पुरी मंदिर प्रशासन ने देवी- देवताओं की तस्वीर में ‘त्रुटि’ के कारण कैलेंडर की बिक्री पर लगाई रोक

पुरी मंदिर प्रशासन ने देवी- देवताओं की तस्वीर में ‘त्रुटि’ के कारण कैलेंडर की बिक्री पर लगाई रोक

पुरी मंदिर प्रशासन ने देवी- देवताओं की तस्वीर में ‘त्रुटि’ के कारण कैलेंडर की बिक्री पर लगाई रोक
Modified Date: December 31, 2025 / 08:36 pm IST
Published Date: December 31, 2025 8:36 pm IST

भुवनेश्वर, 31 दिसंबर (भाषा) ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों ने 12वीं शताब्दी के इस मंदिर के रत्न सिंहासन पर देवी-देवताओं के स्थान को गलत तरीके से दिखाने वाली तस्वीर को दर्शाने वाले कैलेंडर की बिक्री पर रोक लगा दी और इसके लिए बुधवार को जनता से माफी मांगी।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने स्पष्ट किया कि 2026 के कैलेंडर में छपी तस्वीर, ओडिशा राज्य संग्रहालय से प्राप्त ताड़ के पत्तों पर उकेरी गई एक सदी पुरानी कलाकृति की प्रतिलिपि थी।

एसजेटीए ने एक बयान में कहा, ‘‘यह उस समय के एक चित्रकार की कृति है और आशा है कि श्री जगन्नाथ भक्त इसे गलत नहीं समझेंगे।’’

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एसजेटीए ने कहा कि रत्न सिंहासन पर भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के स्थान को गलत तरीके से दिखाने वाली तस्वीर को लेकर राज्यव्यापी आक्रोश के बीच, मंदिर के मुख्य प्रशासक ने संबंधित अधिकारियों को ‘कैलेंडर की बिक्री पर रोक लगाने और अनजाने में हुई इस गलती के लिए माफी मांगने’ का निर्देश दिया है।

बीजू जनता दल (बीजद) ने कैलेंडर में देवताओं की मुद्रा में हुए बदलाव को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।

बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने पत्रकारों से कहा, ‘‘चित्रों में भगवान बलभद्र को भगवान जगन्नाथ के स्थान पर दिखाया गया है, जबकि भगवान जगन्नाथ को बलभद्र के स्थान पर दिखाया गया है। इससे देवी सुभद्रा के दाहिनी ओर भगवान जगन्नाथ और बाईं ओर भगवान बलभद्र दिखाई दे रहे हैं, जो परंपरा के विपरीत है।’’

उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन द्वारा जारी किए गए कैलेंडर और डायरियों में कथित तौर पर गलत तस्वीर छपी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि एसजेटीए ने कैलेंडर में पुरानी पेंटिंग का उपयोग करने से पहले बुद्धिजीवियों से परामर्श नहीं किया।

बीजद नेता ने आरोप लगाया, ‘‘इस तरह की गलतियां श्री जगन्नाथ संस्कृति और ओडिया अस्मिता के प्रति संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती हैं।’’

विपक्षी दल ने यह भी दावा किया कि कैलेंडर की तस्वीर में रथों को गलत क्रम में दिखाया गया था।

कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर एसजेटीए और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की।

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह बेहद चिंताजनक है कि हाल ही में जारी पुरी श्रीमंदिर कैलेंडर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और यहां तक ​​कि रथ यात्रा के पवित्र क्रम के चित्रण में गंभीर त्रुटियां हैं।’’

भाषा यासिर संतोष

संतोष


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