Putin's India Visit/Image Source: IBC24
नई दिल्ली: Putin’s India Visit: भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और भी मजबूत करने के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता की एक विशेष कॉपी भेंट की। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को गीता की कॉपी देते हुए कहा गीता के उपदेश लाखों लोगों को जीवन में मार्गदर्शन और प्रेरणा देते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी ने पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता की वह कॉपी भेंट की जो रूसी भाषा में थी।
Presented a copy of the Gita in Russian to President Putin. The teachings of the Gita give inspiration to millions across the world.@KremlinRussia_E pic.twitter.com/D2zczJXkU2
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2025
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बृहस्पतिवार शाम को करीब 27 घंटे के दौरे पर नयी दिल्ली पहुंचे। पुतिन के भारत पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह दौरा करीब आठ दशक पुरानी भारत-रूस साझेदारी को और मजबूत करने वाला है, एक ऐसी साझेदारी जो जटिल भू-राजनीतिक माहौल के बावजूद स्थिर बनी हुई है।भारत इस दौरे को कितनी अहमियत दे रहा है, यह इस बात से पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं पालम हवाई अड्डे पर गले लगाकर पुतिन का स्वागत किया और चार साल के अंतराल के बाद भारत आगमन पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
Putin’s India Visit: दोनों नेता हवाई अड्डे से मोदी की कार में निकले और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पहुंचे। करीब तीन महीने पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के बाद चीन के शहर तियानजिन में उन्होंने एक ही वाहन में साथ यात्रा की थी। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। आज शाम और कल उनके साथ होने वाली बातचीत को लेकर आशान्वित हूं। भारत-रूस मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है जिससे दोनों देशों के लोगों को बहुत लाभ हुआ है।’’ मोदी ने शाम में रूसी राष्ट्रपति के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया। पिछले साल जुलाई में पुतिन ने भी प्रधानमंत्री की मॉस्को यात्रा के दौरान उनका इसी तरह का सत्कार किया था। इस अवसर पर मोदी के आधिकारिक आवास को रोशनी से जगमग किया गया था और फूलों से सजाया गया था।
रात्रिभोज के दौरान दोनों नेताओं के बीच होने वाली बातचीत से शुक्रवार को होने वाली 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता के लिए माहौल तैयार होने की उम्मीद है, जिसमें दोनों मित्र देशों के संबंधों को और व्यापक बनाने के लिए कई ठोस परिणाम सामने आने की उम्मीद है।दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता का मुख्य विषय रक्षा संबंधों को मजबूत करना, भारत-रूस व्यापार को बाहरी दबाव से सुरक्षित रखना और छोटे मॉड्यूलर संयंत्रों में सहयोग की संभावनाओं की तलाश जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगा। इस बैठक पर पश्चिमी देशों द्वारा करीबी नजर रखे जाने की संभावना है। रूसी नेता का नयी दिल्ली का यह दौरा इसलिए और भी अहम हो गया है क्योंकि यह भारत-अमेरिका संबंधों में तेजी से आ रही गिरावट की पृष्ठभूमि में हो रहा है। बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच व्यापार के क्षेत्रों सहित कई समझौते होने की उम्मीद है।
Putin’s India Visit: शुक्रवार को पुतिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा और तीनों सेनाओं द्वारा उन्हें सलामी गारद दिया जाएगा, उसके बाद वह महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राजघाट जाएंगे।बैठक हैदराबाद हाउस में होगी, जहां दोनों नेताओं के बीच सीमित प्रारूप में तथा उनके प्रतिनिधिमंडलों के साथ वार्ता होगी।मोदी और पुतिन भारत मंडपम में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और रोसकांग्रेस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक व्यापारिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।शाम को पुतिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में शामिल होंगे। रूसी नेता के शुक्रवार रात लगभग नौ बजे भारत से प्रस्थान करने की संभावना है।शिखर वार्ता में उम्मीद है कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदने से बढ़ते व्यापार घाटे को दुरुस्त करने पर जोर देगा।
रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों में संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं ओर अमेरिका ने भारतीय सामान पर भारी 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत कर भी शामिल है। पुतिन की इस यात्रा का व्यापक उद्देश्य खासकर ऐसे समय में भारत-रूस सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है, जब भारत के अमेरिका के साथ संबंधों में तीव्र गिरावट आई है। शिखर वार्ता में भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंध के असर पर चर्चा होने की संभावना है। ‘क्रेमलिन’ (रूस के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के कारण भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद ‘‘कुछ समय’’ के लिए कम हो सकती है। उन्होंने कहा, हालांकि रूस आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है।
Putin’s India Visit: बैठक में उम्मीद है कि पुतिन मोदी को यूक्रेन विवाद को खत्म करने के लिए अमेरिका की नयी कोशिशों के बारे में बताएंगे। भारत लगातार यह कहता रहा है कि बातचीत और कूटनीति ही युद्ध खत्म करने का एकमात्र तरीका है। मोदी-पुतिन वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच कई समझौते होने की उम्मीद है, जिसमें एक समझौता भारतीय कामगारों के रूस आने-जाने को आसान बनाने और अन्य (समझौता) व्यापक रक्षा सहयोग के ढांचे के तहत साजो सामान के समर्थन से संबंधित है। ऐसा माना जा रहा है कि व्यापार क्षेत्र के अंतर्गत फार्मा, कृषि, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों में रूस को भारतीय निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। यह कदम रूस के पक्ष में बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर भारत की चिंताओं के बीच उठाया गया है।
भारत रूस से सालाना लगभग 65 अरब अमेरिकी डॉलर का सामान और सेवाएं खरीदता है, जबकि रूस भारत से लगभग पांच अरब डालर का आयात करता है। अधिकारियों ने कहा कि भारत उर्वरक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है। रूस सालाना भारत को 30 से 40 लाख टन उर्वरक की आपूर्ति करता है। भारतीय और रूसी पक्ष यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ भारत के प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर भी चर्चा कर सकते हैं। शिखर सम्मेलन से पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को व्यापक चर्चा की, जिसमें रूस से एस-400 मिसाइल प्रणालियों और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर की अतिरिक्त खेप खरीदने की भारत की योजना पर फोकस रहा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एस-400 मिसाइल प्रणाली बहुत प्रभावी साबित हुई।
Putin’s India Visit: अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए पांच अरब अमेरीकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अनुबंध पर आगे बढ़ने से काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के प्रावधानों के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं। पेस्कोव ने कहा कि रूस द्वारा भारत को एसयू-57 लड़ाकू विमान आपूर्ति करने की संभावना पर भी चर्चा हो सकती है। भारत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की एक खेप खरीदने की प्रक्रिया में है। दसॉ एविएशन का राफेल, लॉकहीड मार्टिन का एफ-21, बोइंग का एफ/ए-18 और यूरोफाइटर टाइफून मुख्य दावेदार हैं। बैठक में द्विपक्षीय ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है।
माना जाता है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल की खरीद पर अतिरिक्त छूट की पेशकश की है। यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब दो रूसी तेल उत्पादकों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की नवीनतम लहर के बाद पिछले कुछ सप्ताहों में भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद की मात्रा में गिरावट दर्ज की गई है। भारत और रूस के बीच एक व्यवस्था है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए सालाना एक शिखर बैठक आयोजित करते हैं। अब तक, भारत और रूस में बारी-बारी से 22 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं। रूसी राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नयी दिल्ली का दौरा किया था। पिछले साल जुलाई में मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को गए थे।रूस भारत के लिए एक ऐसा साझेदार रहा है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है और वह भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ रहा है।