राहुल अयोग्य करार, बोले- हर कीमत चुकाने को तैयार, भाजपा ने कानून सम्मत बताया |

राहुल अयोग्य करार, बोले- हर कीमत चुकाने को तैयार, भाजपा ने कानून सम्मत बताया

राहुल अयोग्य करार, बोले- हर कीमत चुकाने को तैयार, भाजपा ने कानून सम्मत बताया

:   Modified Date:  March 24, 2023 / 05:57 PM IST, Published Date : March 24, 2023/5:57 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं और हर कीमत चुकाने को तैयार हैं।

कांग्रेस ने अयोग्य ठहराने की कार्रवाई को राहुल गांधी को खामोश करने का प्रयास और लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ करार दिया और कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी।

दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यह कार्रवाई कानून के मुताबिक हुई है।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।

इसमें कहा गया है कि ‘‘सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है।’’

उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें।

अगर 52 वर्षीय राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर ऊपरी अदालत से स्थगन आदेश नहीं मिलता है तो वह अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

अयोग्य ठहराए जाने की अधिसूचना जारी होने से कुछ घंटे पहले राहुल गांधी लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए और संसद भवन में पार्टी सांसदों की बैठक में भाग लिया।

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2013 में जन प्रतिनिधित्व कानून के उस प्रावधान को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त करने के आदेश को निष्प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किया था। इसमें कहा गया कि दो साल या इससे अधिक की सजा होने की स्थिति में सजा सुनाए जाने वाले दिन से ही सजा की मियाद और उसके बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता।

राहुल गांधी ने संप्रग सरकार के इस कदम का विरोध किया था और संवाददाता सम्मेलन में अध्यादेश की प्रति फाड़ दी थी।

राहुल गांधी ने खुद को अयोग्य ठहराए जाने के बाद ट्वीट किया, ‘‘मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं, हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।’’

कांग्रेस ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और वह मोदी सरकार के इस ‘सुनियोजित कदम’ के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार को सबसे ज़्यादा डर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से लगता है। लोकतंत्र की हत्या करने लिए उन्होंने गांधी की संसद सदस्यता रद्द की है। वे सच बोलने वालों का मुंह बंद करना चाहते हैं।’’

खरगे ने कहा, ‘‘देशवासी यह तानाशाही नहीं सहेंगे। लोकतंत्र की हिफ़ाज़त के लिए हम जेल तक जाएंगे। हम जेपीसी की मांग करते रहेंगे।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना ताबूत में आखिरी कील है। यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है। यह मोदी सरकार का सुनियोजित कदम है ताकि संसद में राहुल गांधी की आवाज को बंद कर दिया जाए। हम इससे कानूनी और राजनीतिक रूप से निपटेंगे। सच की जीत होगी।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम धमकी के आगे नहीं झुकेंगे और खामोश नहीं होंगे। प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी महाघोटाले में जेपीसी बनाने के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा दिया गया। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि गांधी परिवार की रगों में जो खून दौड़ता है, उसकी एक ख़ासियत है कि यह परिवार कभी नहीं झुका और कभी नहीं झुकेगा।

भाजपा ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के फैसले को अदालत के आदेश का परिणाम बताया और इसे उचित ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें उनके ‘‘कृत्य’’ की सजा मिली है।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘‘गाली देने में और आलोचना करने में अंतर होता है। राहुल गांधी गाली दे रहे थे। वह कोई लोकतांत्रिक बहस नहीं कर रहे थे। ओबीसी समाज को गाली देने का काम कर रहे थे… उन्हें इस कृत्य की सजा मिली है।’’

यादव ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में पूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और उन्हें अवसर भी दिया गया, ताकि वह अपना पक्ष रख सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब निर्णय आया, तो कांग्रेस के नेता न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे हैं…अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह फैसला कानूनी है और आरोप लगाया कि कांग्रेस न्यायपालिका पर सवाल उठा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक कानूनी फैसला है और राजनीतिक दल द्वारा लिया गया फैसला नहीं है। यह एक अदालत द्वारा लिया गया फैसला है। कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वे किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।’’

विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं ने राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि उन्हें अयोग्य ठहराया जाना प्रतिशोध की राजनीति है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता भाजपा के मुख्य निशाने पर हैं।

भाषा हक

हक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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