राहुल गांधी ने स्वर्ण मंदिर में सब्जियां छीलकर, बर्तन धोकर सेवा दी

राहुल गांधी ने स्वर्ण मंदिर में सब्जियां छीलकर, बर्तन धोकर सेवा दी

राहुल गांधी ने स्वर्ण मंदिर में सब्जियां छीलकर, बर्तन धोकर सेवा दी
Modified Date: October 3, 2023 / 11:13 pm IST
Published Date: October 3, 2023 11:13 pm IST

(फोटो के साथ)

अमृतसर, तीन अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को लगातार दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर पहुंचे और उन्होंने लंगर (सामुदायिक रसोई) में सब्जियां छीलकर, श्रद्धालुओं को भोजन परोसकर तथा बर्तन धोकर ‘सेवा’ प्रदान की।

‘लंगर’ हॉल में, गांधी महिला श्रद्धालुओं के साथ बैठे और सब्जियां छीलते हुए उनसे बातचीत की।

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सिर पर नीला कपड़ा बांधे गांधी ने श्रद्धालुओं को रोटियां परोसीं और लंगर में लगभग एक घंटा बिताया।

शाम को गांधी ने ‘जौरा घर’ (जूता घर) में ‘सेवा’ दी। फिर उन्होंने गर्भगृह में मत्था टेका और वहां से रवाना हो गए।

गांधी सोमवार को भी अमृतसर पहुंचने के बाद स्वर्ण मंदिर गए थे। उन्होंने श्रद्धालुओं को जल प्रदान करके और उनके कटोरे साफ करके ‘सेवा’ दी थी।

कांग्रेस नेता ने ‘शबद कीर्तन’ (भजन) भी सुना था। गांधी ने पारंपरिक अनुष्ठान ‘पालकी सेवा’ में भी हिस्सा लिया था, जो समापन अनुष्ठान है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब को ‘सुखासन’ के लिए अकाल तख्त ले जाया जाता है।

पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग ने सोमवार को कहा था कि गांधी निजी यात्रा पर स्वर्ण मंदिर पहुंचे हैं।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने मंगलवार को कहा कि उसने स्वर्ण मंदिर की यात्रा के दौरान गांधी को पूरा सहयोग दिया।

एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि स्वर्ण मंदिर में गांधी को हर तरह से सुविधा प्रदान की गई और ‘सेवा’ करने के दौरान उन्हें पूरा सहयोग दिया गया।

ग्रेवाल ने 1984 में कांग्रेस के शासनकाल में हुए सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि सिख समुदाय बहुत उदार है और कभी भी किसी के प्रति कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या नफरत नहीं रखता है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों में कई महिलाओं ने अपने पति और परिवार के सदस्यों को खो दिया, लेकिन गांधी परिवार ने कभी उनसे मिलने की जहमत नहीं उठाई।

ग्रेवाल ने दंगों और ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का जिक्र करते हुए कहा कि गांधी ने कभी भी इन मुद्दों पर कुछ भी कहने की जहमत नहीं उठाई जिससे उनका पश्चाताप झलकता हो।

भाषा जोहेब शोभना

शोभना


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