मुंबई-दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर ‘कवच’ परियोजना 2026 तक शुरू करने की योजना बना रहा रेलवे

मुंबई-दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर ‘कवच’ परियोजना 2026 तक शुरू करने की योजना बना रहा रेलवे

मुंबई-दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर ‘कवच’ परियोजना 2026 तक शुरू करने की योजना बना रहा रेलवे
Modified Date: December 27, 2025 / 07:42 pm IST
Published Date: December 27, 2025 7:42 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) दिसंबर 2025 की दूसरी समयसीमा चूकने के बाद रेलवे अब स्थिर प्रगति और आक्रामक दृष्टिकोण के साथ 2026 में कभी भी राष्ट्रीय राजधानी को मुंबई और हावड़ा से जोड़ने वाले मार्गों पर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ को शुरू करने की योजना बना रहा है। अधिकरियों ने यह बात कही।

कवच स्वदेशी रूप से विकसित एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जो तकनीकी रूप से अत्यंत उन्नत प्रणाली है। यह लोको पायलटों को निर्धारित गति सीमा के भीतर ट्रेन चलाने में मदद करती है, और यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो यह स्वचालित रूप से ब्रेक लगा देती है।

अधिकारियों के अनुसार, इन मार्गों पर 25 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और ये उपयोग के लिए तैयार हैं। शेष 75 प्रतिशत मार्गों पर प्रमुख घटक पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर कवच सेवा को चालू करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह 2026 तक हासिल हो जाएगा।’’

रेल मंत्रालय ने सात अगस्त, 2024 को कहा था कि उक्त मार्ग पर कवच का काम मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा।

इसने एक फरवरी, 2025 को ‘संशोधित अनुमान 2024-25 और बजट अनुमान 2025-26 के लिए रेलवे अनुमान’ नामक बजट दस्तावेज में समयसीमा को मार्च से बढ़ाकर दिसंबर 2025 करने की घोषणा की थी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 17 दिसंबर को लोकसभा में कवच स्थापना की प्रगति पर जानकारी दी थी। कांग्रेस सांसद मल्लु रवि ने दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के व्यस्ततम मार्गों पर ‘कवच’ 4.0 की स्थापना के लिए दिसंबर 2025 की संशोधित समयसीमा के विशिष्ट कारणों और एक नवंबर, 2025 तक इस कार्य के पूर्ण होने की स्थिति के बारे में पूछा था।

वैष्णव ने कहा, ‘‘विस्तृत और व्यापक परीक्षणों के बाद, कवच प्रारूप 4.0 को दिल्ली-मुंबई मार्ग पर पलवल-मथुरा-नागदा खंड (633 किमी) और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर हावड़ा-बर्धमान खंड (105 किमी) पर सफलतापूर्वक चालू कर दिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के शेष हिस्सों में कवच परियोजना को लागू करने का काम शुरू कर दिया गया है।’’

विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ट्रेन संचालन में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ लोको पायलटों को मानवीय त्रुटि के जोखिम को कम करने के लिए तकनीकी सहायता की आवश्यकता है।

यात्री रेलगाड़ियों में कवच का पहला फील्ड परीक्षण फरवरी 2016 में शुरू हुआ था, और जुलाई 2020 में इसे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अपनाया गया था।

अधिकारियों ने कहा, ‘‘कवच प्रणाली स्थापित करने के लिए स्वीकृत कंपनियों की संख्या अब पांच से अधिक हो गई है, और हमें उम्मीद है कि 2026 तक यह संख्या 20 को पार कर जाएगी। भारतीय रेलवे को स्थापना प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए 50 से अधिक मूल उपकरण निर्माताओं की आवश्यकता है, क्योंकि ‘ब्रॉड-गेज’ नेटवर्क 78,000 किलोमीटर लंबा है और रेल नेटवर्क में नए क्षेत्रों के जुड़ने के साथ इसका विस्तार जारी रहेगा।’’

भाषा नेत्रपाल सुरेश

सुरेश


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