राजस्थान: जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के मामले में छह अधिकारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी

राजस्थान: जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के मामले में छह अधिकारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी

राजस्थान: जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के मामले में छह अधिकारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी
Modified Date: December 9, 2025 / 10:48 am IST
Published Date: December 9, 2025 10:48 am IST

जयपुर, नौ दिसंबर (भाषा) राजस्थान सरकार ने जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं के मामले में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सहित छह अधिकारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी दी है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार राजकीय कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन सुनिश्चित करते हुए भ्रष्ट, लापरवाह और अनुशासनहीन कर्मचारियों के विरुद्ध निरंतर सख्त कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जल जीवन मिशन की निविदा में फर्जीवाड़ा और मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने के आरोपों के संबंध में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव और विभाग के पांच अधिकारियों के खिलाफ धारा 17-ए में विस्तृत जांच और अनुसंधान कार्यवाही का पूर्वानुमोदन किया है।

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आधिकारिक बयान के अनुसार, इस प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही कार्रवाई की निरंतरता में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम की धारा 17-ए में विस्तृत जांच का अनुमोदन किया गया है।

इसमें कहा कि निविदा कार्य से जुड़े तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन समितियों में गड़बड़ी के जिम्मेदार मुख्य अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता सहित तकनीकी सदस्यों तथा सचिव स्तर के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई का अनुमोदन किया गया है, ताकि सभी पक्ष उजागर हो सकें और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

बयान के अनुसार, इसके अलावा राजकीय दायित्वों के निर्वहन में गड़बड़ी करने के आरोप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी के खिलाफ अखिल भारतीय सेवाएं (वर्गीकरण, अनुशासन एवं अपील) 1969 के नियम आठ के तहत नयी जांच कार्यवाही प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया है।

इसमें कहा कि साथ ही, राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम के नियम 34 के तहत पांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत समीक्षा याचिका को खारिज करते हुए पूर्व प्रदत्त दंड को यथावत रखने का अनुमोदन किया गया है।

भाषा पृथ्वी खारी

खारी


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