राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित : एसआईआर पर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा सत्र

राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित : एसआईआर पर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा सत्र

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  • Publish Date - August 21, 2025 / 02:59 PM IST,
    Updated On - August 21, 2025 / 02:59 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) राज्यसभा का 268वां सत्र बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और सत्र के दौरान जहां बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन परीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा को लेकर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लगातार गतिरोध बना रहा, वहीं हंगामे के बीच कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित करवाया गया। सत्र के दौरान मात्र 38 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया।

उपसभापति हरिवंश ने सत्र के अंत में अपनी टिप्पणी में कहा कि हंगामे के कारण सदन में केवल 41 घंटे 15 मिनट कामकाज हो पाया और सदन का कामकाज केवल 38.88 प्रतिशत रहा जो बहुत निराशाजनक है। उन्होंने पूरे सदन से इस बारे में चिंतन करने को कहा।

सत्र के अंतिम दिन भी दोपहर दो बजे तक कामकाज बाधित रहा। दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित किया गया।

इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ को संसद की संयुक्त समिति को विचार के लिए भेजने का प्रस्ताव किया। उन्होंने यह भी प्रस्ताव किया कि इस संयुक्त समिति में उच्च सदन के उपसभापति 10 सदस्यों को नामित करें।

आनलाइन गेमिंग संबंधित विधेयक पारित होने के बाद सदन को दोपहर दो बजकर 28 मिनट पर दस मिनट के लिए स्थगित किया गया।

दो बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर उपसभापति ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हंगामे के कारण सदन में कई महत्वपूर्ण कामकाज नहीं हो पाये। उन्होंने सदस्यों को इस बारे में गंभीरता से विचार करने की सलाह दी।

उच्च सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले राष्ट्रगीत की धुन बजायी गयी।

सत्र के पहले ही दिन निवर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंप दिया था, जिसे बाद में स्वीकार कर लिया गया।

पूरे सत्र के दौरान एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के लगातार हंगामे और आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने के कारण एक भी दिन शून्यकाल एवं प्रश्नकाल सामान्य ढंग से नहीं चल पाये। साथ ही इस दौरान कोई गैर सरकारी कामकाज नहीं हुआ। उच्च सदन में प्राय: शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होता है।

कांग्रेस सहित विपक्ष इस बात पर अड़ा हुआ था कि नियत काम को स्थगित कर नियम 267 के तहत एसआईआर मुद्दे पर सदन में चर्चा करायी जानी चाहिए। किंतु आसन की तरफ से कहा गया कि चूंकि यह मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं करायी जा सकती।

उच्च सदन में 29 एवं 30 जुलाई को ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा’’ हुई जिसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने दिया। इस चर्चा के दौरान सदन देर तक सुचारू रूप से चला और विपक्ष की ओर से कोई हंगामा नहीं किया गया।

सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाया गया। इनमें अनुसूचित जनजातियों के विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्समायोजन से संबंधित गोवा विधेयक 2025, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025, मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025, मणिपुर बजट और उससे संबंधित विनियोग विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं।

इनके अलावा आयकर विधेयक 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025, खनिज और खनिज विकास (विनियमन और संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025 और ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 भी हंगामे के बीच पारित किए गए।

वर्तमान सत्र 21 जुलाई को प्रारंभ हुआ था और इस दौरान कुल 21 बैठकें हुईं। चार अगस्त को वर्तमान सदस्य एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के कारण उनके सम्मान में बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी थी।

भाषा माधव मनीषा अविनाश

अविनाश

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