राज्यसभा सभापति का विशेषाधिकार हनन जांच का आदेश लोकतांत्रिक विरासत के खिलाफ: भाकपा |

राज्यसभा सभापति का विशेषाधिकार हनन जांच का आदेश लोकतांत्रिक विरासत के खिलाफ: भाकपा

राज्यसभा सभापति का विशेषाधिकार हनन जांच का आदेश लोकतांत्रिक विरासत के खिलाफ: भाकपा

:   Modified Date:  February 23, 2023 / 04:44 PM IST, Published Date : February 23, 2023/4:44 pm IST

नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) सांसद बिनय विश्वम ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कहा कि 12 विपक्षी सांसदों द्वारा सदन में व्यवधान की जांच के लिए विशेषाधिकार समिति से कहने का उनका हाल का आदेश संसद की ‘‘लोकतांत्रिक विरासत’’ के खिलाफ है।

धनखड़ ने संसद की एक समिति से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के 12 सदस्यों द्वारा बार-बार आसन के समीप आने, नारे लगाने और सदन की कार्यवाही बाधित करके कथित रूप से विशेषाधिकार का हनन करने के मामले की जांच करने को कहा है।

राज्यसभा के बुलेटिन के अनुसार इनमें नौ सदस्य कांग्रेस के और तीन सदस्य आम आदमी पार्टी (आप) के हैं।

विश्वम ने पत्र में लिखा, ‘‘मैं यह पत्र संसद के 12 सदस्यों के खिलाफ प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 203 के तहत कथित ‘विशेषाधिकार हनन’ के मुद्दे पर अपनी आपत्ति जताने के लिए लिख रहा हूं। मेरा दृढ़ता से मानना है कि यह कदम हमारे देश के पोषित आदर्शों और संसद की लोकतांत्रिक विरासत का उल्लंघन है।’’

उन्होंने कहा कि राज्यसभा की प्रक्रिया नियमावली में नियम 267 का प्रावधान है जो लोकसभा नियमावली के अध्याय नौ के तहत स्थगन प्रस्ताव के समान प्रकृति का है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मौजूदा सरकार इस नियम के तहत एक भी चर्चा की अनुमति देने में विफल रही है। यह चिंता का एक गंभीर कारण है क्योंकि यह संसद में लोगों के मुद्दों पर बहस और चर्चा करने के लिए सरकार की घटती इच्छा की प्रवृत्ति को इंगित करता है। चर्चा और बहस लोकतंत्र में संसद की अवधारणा के लिए प्रमुख हैं।’’

विश्वम ने यह भी कहा कि राज्यसभा के किसी सभापति द्वारा विशेषाधिकार के सवाल को विशेषाधिकार समिति को भेजे जाने के बारे में नहीं सुना गया है।

उन्होंने धनखड़ से अपना आदेश वापस लेने और मुद्दे को हल करने के तरीके खोजने के लिए तुरंत सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘मैं यह समझने में विफल हूं कि जब कोई संसद सदस्य अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहा है और सदन में उनके आचरण को नियंत्रित करने वाली नियम पुस्तिका के अनुसार नोटिस देता है तो संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन कैसे किया जा रहा है।’’

जिन सदस्यों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं उनमें कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल, नारणभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमंतैया, फूलो देवी नेताम, जेबी एम हिशाम और रंजीत रंजन शामिल हैं। आम आदमी पार्टी सदस्यों में संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक शामिल हैं।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव

माधव

 

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