नई दिल्लीः Vande Bharat: पड़ोसी देश पाकिस्तान अब खुद की लगाई आग में लगातार झुलस रहा है। एक तरफ पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी करीबी का ढिंढोर पीटते नहीं थक रहे, लेकिन दूसरी तरफ अपने ही घर में घिरते जा रहे है। देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं, PoK में शुरू हुई बगावत अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुई थी कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर TTP ने मुनीर की सेना पर गंभीर चोट कर दी।
Vande Bharat: दुनिया को आतंकवाद का एक्सपोर्ट करने वाला पाकिस्तान आज खुद उसी की आग में झुलस रहा है। जनरल आसिम मुनीर की ओर से अफगान बॉर्डर पर तैनात किए गए सैनिकों को मंगलवार रात तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP के हमले ने सभी को मौत की नींद सुला दिया। पहले एक जोरदार बम धमाका हुआ उसके तुरंत बाद TTP के लड़ाकों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें 2 अधिकारी समेत 9 पाक सैनिक मारे गए। रॉयटर्स को भेजे बयान में TTP ने हमले की जिम्मेदारी ली है। TTP का हमला 21 सितंबर को पाकिस्तानी वायुसेना के उस हमले का जवाब माना जा रहा है, जब खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में J-17 विमानों के जरिए 8 लेजर गाइडेड बम गिराए थे। TTP को निशाना बनाने के नाम पर किए इस हमले में 30 लोगों की मौत हुई थी।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP दरअसल पाकिस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ जंग लड़ने वाला संगठन है। इसमें पाकिस्तानी सेना के कई विरोधी गुटों के लोग शामिल है। इस संगठन के कई समर्थक पाक सेना में भी मौजूद है। 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए थे। इन्होंने ही मिलकर 2007 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP बनाया था। पाकिस्तान में होने वाले ज्यादातर बड़े चरमपंथी हमलों में TTP की ही हाथ बताया जाता है यानी पाकिस्तान ने कभी जिस आतंकियों को खाद-पानी डालकर पाला था वो आज उसके लिए ही नासूर बन चुके है।