नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को शुरू हुई एक प्रदर्शनी में कुछ दुर्लभ अभिलेख प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें 1973 का एक निमंत्रण कार्ड भी शामिल है, जिस समारोह में राष्ट्रपति ने जनरल सैम मानेकशॉ को फील्ड मार्शल का प्रतीक चिह्न प्रदान किया था।
साथ ही, 1971 के युद्ध में भारत की जीत की 25वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के विवरण का दस्तावेज भी प्रदर्शनी में शामिल है।
राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) द्वारा आयोजित ‘सुशासन और अभिलेख 2025’ शीर्षक वाली इस प्रदर्शनी में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह पर पत्र सूचना कार्यालय द्वारा 18 जनवरी, 1950 को जारी एक प्रेस नोट भी प्रदर्शित किया गया है।
‘एमराल्ड सर्विसेज’ के एम हनीफा द्वारा 1980 में निर्वाचन आयोग को लिखे गए एक पत्र को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें ईसीआईएल और बीईएल जैसी कपंनियों द्वारा निर्मित मशीनों के समान ‘‘उनकी इलेक्ट्रॉनिक मतगणना मशीन पर विचार’’ करने का अनुरोध किया गया था।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने डॉ. आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में ‘सुशासन’ माह के अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
शेखावत ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘अभिलेख रिकॉर्ड हमारे लिए केवल शब्द या अक्षर नहीं हैं। ये दस्तावेज और कागजात सामूहिक इतिहास के साक्षी हैं, जो हमारी नीतियों और निर्णयों को प्रतिबिंबित करते हैं तथा सामूहिक रूप से हमें निरंतरता का बोध कराते हैं।’’
प्रदर्शनी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की शुरुआत और चुनाव सुधारों से संबंधित दस्तावेजों की तस्वीरें तथा भारत की शासन व्यवस्था और विकास यात्रा को दर्शाने वाले अन्य मूल्यवान अभिलेख भी प्रदर्शित किए गए हैं।
इसमें राष्ट्रपति सचिवालय, निर्वाचन आयोग और विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त महत्वपूर्ण अभिलेख भी प्रदर्शित किए गए हैं।
भाषा शफीक अविनाश
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