लाल किला विस्फोट मामला: तीन चिकित्सकों, मौलवी को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
लाल किला विस्फोट मामला: तीन चिकित्सकों, मौलवी को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट के मामले में गिरफ्तार किए गए तीन चिकित्सकों और एक मौलवी को दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना की अदालत में एक अन्य आरोपी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को भी पेश किया गया, ताकि उसकी आवाज के नमूने की प्रामाणिकता सुनिश्चित की जा सके।
चार आरोपी – डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ अदील राथर, डॉ शहीना सईद और मौलवी इरफान अहमद वागे – को उनकी चार दिन की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) हिरासत अवधि समाप्त होने पर अदालत के समक्ष पेश किया गया।
पटियाला हाउस जिला अदालत परिसर के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच जारी कार्यवाही को कवर करने से मीडियाकर्मियों को रोक दिया गया था।
इस मामले में एनआईए ने अब तक आठ गिरफ्तारियां की हैं, जिनका संबंध जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पकड़े गए एक ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल से है।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले का रहने वाला डॉ. बिलाल नसीर मल्ला इस मामले में गिरफ्तार किया गया आठवां आरोपी है। एनआईए ने नौ दिसंबर को उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था और उसे इस साजिश का मुख्य आरोपी बताया है। एनआईए के अनुसार, बिलाल ने मृत आरोपी उमर उन नबी को साजो-सामान संबंधी सहायता देकर जानबूझकर पनाह दी थी। उस पर आतंकवादी हमले से संबंधित सबूत नष्ट करने का भी आरोप है।
एजेंसी ने बताया कि वह राज्यों की पुलिस के समन्वय से अन्य हमलावरों की पहचान के लिए कई जगह तलाशी ले रही है। यह मामला 10 नवंबर के लाल किला विस्फोट से जुड़ा है। विस्फोटकों से भरी आई20 कार चला रहे डॉ. उमर उन नबी की इस घटना में मौत हो गई थी, जबकि हमले में 15 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।’
भाषा सुमित दिलीप
दिलीप

Facebook



