केरल के मुख्यमंत्री ने विझिंजम बंदरगाह को लेकर विधानसभा में कहा- पुनर्वास सर्वोच्च प्राथमिकता

केरल के मुख्यमंत्री ने विझिंजम बंदरगाह को लेकर विधानसभा में कहा- पुनर्वास सर्वोच्च प्राथमिकता

केरल के मुख्यमंत्री ने विझिंजम बंदरगाह को लेकर विधानसभा में कहा- पुनर्वास सर्वोच्च प्राथमिकता
Modified Date: December 7, 2022 / 04:11 pm IST
Published Date: December 7, 2022 4:11 pm IST

तिरुवनंतपुरम, सात दिसंबर (भाषा) निर्माणाधीन विझिंजम समुद्री बंदरगाह के विरोध में महीनों से चल रहे विरोध-प्रदर्शन के स्थगित किये जाने के एक दिन बाद बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यहां कहा कि विकास परियोजनाओं को लागू करते समय स्थानीय लोगों का पुनर्वास और उनकी आजीविका की रक्षा करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

विधानसभा में नियम 300 के तहत दिये गये बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वाम सरकार ने सभी विकास परियोजनाओं में इसे सुनिश्चित किया है और विझिंजम बंदरगाह के मामले में भी उसका यही रुख है।

केरल के सतत आर्थिक विकास की आधारशिला तैयार करने के मद्देनजर राज्य में आधारभूत ढांचा विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं को मानवीय दृष्टिकोण से लागू किया जाना चाहिए।

 ⁠

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां मंगलवार को आयोजित उच्च स्तरीय बातचीत में विरोध समिति ने हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री ने सदन को अंदालनकारियों की ओर से की गई मांग और इस विषय में लिये गये फैसले के बारे में अवगत कराया। मुख्मंत्री ने कहा, ‘‘ फ्लैट का निर्माण (मछुआरों के पुनर्वास के लिए) डेढ़ साल में पूरा हो जाएगा। दो महीने के किराये का अग्रिम भुगतान किया जाएगा। एक सितंबर, 2022 के सरकारी आदेश के मुताबिक मासिक किराये के रूप में 5500 रुपये दिये जायेंगे।’’

विजयन ने कहा कि मछली मारने की नौकाओं के मौजूदा केरोसिन चालित इंजन का रूपांतरण डीजल, पेट्रोल और गैस चालित इंजन के रूप में करने की योजना को जल्द लागू किया जाएगा और इसके लिए एकमुश्त सब्सिडी भी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन प्राधिकारण की ओर से समुद्र में जाने से रोकने के दिनों में हुए नुकसान का आकलन करके उन मछुआरों को मुआवजा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे जो मत्स्य विभाग की सूची में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुथलापोझी’ मुद्दे के समाधान के लिए मत्स्य विभाग पुणे सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन (सीडब्ल्यूपीआरएस) और मछुआरों के प्रतिनिधियों से दो हफ्ते के अंदर बातचीत करेगा। ‘मुथलापोझी’ में हाल के वर्षों में कई मछली पकड़ने से संबंधित दुर्घटनाएं हुई हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार को बातचीत के बाद 130 दिन से चल रहे आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया जिसका ऐलान विकार जनरल यूजीन परेरा ने किया जो विरोध-प्रदर्शन करने में सबसे आगे रहे हैं।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में