Kargil Vijay Diwas 2023: करगिल शहीदों को याद करते हुए उनके परिवारों ने कहा – वह मरे नहीं हैं बल्कि अमर हो गये
Kargil Vijay Diwas 2023 करगिल शहीदों को याद करते हुए उनके परिवारों ने कहा : हमेशा गौरव का भाव
Kargil Vijay Diwas 2023
Kargil Vijay Diwas 2023: द्रास (लद्दाख), 26 जुलाई ।आंखों में आंसू के साथ गर्व का भाव लिये, करगिल लड़ाई के शहीदों के परिवारों ने मंगलवार को उन वीर जवानों को याद किया जो पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
शहीद कैप्टन मनोज पांडे के भाई मनमोहन पांडे ने कहा, ‘‘ वह मरे नहीं हैं बल्कि अमर हो गये हैं। जब तिरंगा में लिपटा उनका पार्थिव शरीर लखनऊ में हमारे घर पर लाया गया, उस समय का दृश्य मैं नहीं भूल सकता। कम से कम 15 लाख लोग ताबूत के साथ चल रहे थे और मनोज पांडे अमर रहे के नारे लगा रहे थे।’’
मनमोहन ने कहा, ‘‘… माताएं अपने बच्चों एवं शिशुओं को उनका चरण स्पर्श करवा रही थीं, वह दृश्य मेरे दिल में अमिट हो गया और उस दिन मुझे अहसास हुआ कि कोई अमर कैसे होता है।’’
लेफ्टिनेंट पांडे को बटालिक सेक्टर में उनके अदम्य साहस को लेकर मरणोपरांत कैप्टन के रूप में पदोन्नति दी गयी और देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
मनमोहन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मैं आज भी जब उनकी डायरी पलटता हूं तो वह महमूद रामपुरी के इस कथन से शुरू होती है- मौत उसी की जिसका जमाना करे अफसोस, वरना मरने के लिए तो सभी आते हैं- आज भी मेरी आंखें डबडबा जाती हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस बार उनकी योजना अपने बच्चों को बटालिक ले जाने की है।
मेजर पद्मपानी आचार्य की पत्नी चारूलता ने कहा, ‘‘ मेरे और लड़ाई के नायकों के परिवारों के लिए वीरभूमि पर आना वार्षिक कार्यक्रम है। जो बात सबसे अधिक गर्व करने वाली हो सकती है- पूरा देश हमारे परिवार के सदस्यों को इतने प्यार से याद करता है।’’
चारूलता ने कहा, ‘‘यह बात कि केवल मैं ही उन्हें याद नहीं कर रही हूं, मुझे गर्व से भर देती है।’’
चारूलता के पति जब 1999 में शहीद हुए तब वह गर्भवती थीं। मेजर आचार्य ने तोलोलिंग की प्रसिद्ध लड़ाई में अपनी जान कुर्बान कर दी थी और उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

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