12th Board Result 2025/ Image Credit: IBC24 FILE Photo
चंडीगढ़: 12th Board Result 2025: 14 मई को हरियाणा बोर्ड ने 12वीं कक्षा का रिजल्ट जारी किया था और इस दौरान एक हैरान करने वाला रिकॉर्ड बना है, जिसे जानकर हर कोई चौंक गया। दरअसल, हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) ने सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 100 स्कूलों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में 18 ऐसे स्कूल शामिल है, जहां का पासिंग प्रतिशत जीरो फीसदी रहा है यानी इन 18 स्कूलों से कोई भी छात्र 12वीं पास नहीं कर सका। लिस्ट जारी होने के बाद से सभी स्कूल जांच के दायरे में आ गए है। इन 18 स्कूलों में नूंह में 6 स्कूल, फरीदाबाद में 4 और गुड़गांव, हिसार, झज्जर, करनाल, पलवल, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर में एक-एक स्कूल शामिल है।
आपको बता दें कि, इन 18 स्कूलों के 59 छात्र 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे। इन छात्रों में यमुनानगर के हिंदू गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से सबसे ज्यादा 23 छात्र शामिल हैं और सभी के सभी फेल हो गए। इस मामले में बात करते हुए हरियाणा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने बताया कि, पासिंग प्रतिशत 85 फीसदी से अधिक दर्ज किया गया, लेकिन जिले वाइज रिजल्ट ने कई चिंताओं को उजागर किया है
12th Board Result 2025: जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, कई एफिलिएटेड यानी संबद्ध स्कूल 35 प्रतिशत पासिंग अंक का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। प्रदेश के 22 जिलों के 82 स्कूलों में पासिंग प्रतिशत 35 फीसदी से कम रहा। सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले जिले की बात की जाए तो नूंह का नाम सबसे ऊपर है। 100 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में से 62 स्कूल इसी जिले के हैं। वहीं 12 स्कूल फरीदाबाद के हैं जिनका प्रदर्शन ख़राब रहा है। इतना ही नहीं कई ऐसे स्कूल भी है, जहां से सिर्फ एक-एक छात्र 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे।
फरीदाबाद के जसाना के नंबरदार पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल धीर सिंह नागर ने बताया कि, उनके स्कूल से 12वीं क्लास का कोई भी छात्र पास नहीं हुआ है। प्रिंसिपल नागर ने आगे बताया कि, ‘लगभग 8-10 छात्रों को देरी से परीक्षा में बैठने की अनुमति मिली थी या बिल्कुल भी नहीं मिली थी। कई छात्र, यहां तक कि जो शुरू में परीक्षा में बैठने के पात्र थे, वो भी क्लास में नहीं आ रहे थे।’
12th Board Result 2025: फरीदाबाद के सारन के भारत भारती पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल रजनीश भारद्वाज ने बताया कि, उनके यहां से सिर्फ दो छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन वो पास नहीं हो सके। वहीं, ओथा (नूंह) में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी जीरो परसेंट पासिंग प्रतिशत दर्ज किया है। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रिंसिपल ने निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे की वजह शिक्षकों की कमी को बताया है। उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों को ज्यादातरअंग्रेजी में कठिनाई का सामना करना पड़ा, क्योंकि पीजीटी अंग्रेजी का पद लगभग तीन साल से खाली है।