हमेशा के लिए दुनिया से खत्म हो जाएगा डेंगू और मलेरिया, भारत में चल रहा अनोखा शोध

यह शोध इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इसमें कुछ खास तरह के मच्छरों की फौज तैयार की जा रही है, जिनकी मदद् से Aedes मच्छरों से लड़ा जा सके।

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  • Publish Date - July 13, 2022 / 04:24 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

पुदुचेरी। दुनिया से बहुत जल्द डेंगू और मलेरिया की बीमारी समाप्त हो सकती है। दरअसल, Aedes मच्छरों से फैलने वाली डेंगू और मलेरिया की बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए पुदुचेरी में स्थित देश के सबसे बड़े वेक्टर कन्ट्रोल रिसर्च सेंटर एक अनोखा शोध जारी है। जिसमें खास तौर पर यही ध्यान दिया जा रहा है कि किस तरह से Aedes मच्छरों के असर को समाप्त किया जा सके। यह शोध इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इसमें कुछ खास तरह के मच्छरों की फौज तैयार की जा रही है, जिनकी मदद् से Aedes मच्छरों से लड़ा जा सके।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

खास तरह के मच्छरों के अंडे मंगाए गए

Treatment of dengue: बता दें कि वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलिया से कुछ ऐसे खास तरह के अंडे मंगाए गए थे, जिन अंडों में वॉल-बेकिया नामक बैक्टेरिया मौजूद है। इन सभी अंडों को मंगाकर इनपर अभी शोध जारी है। इन अंडो की संख्या लगभग 10 हजार के करीब है, शुरुआती जांच के लिए बैक्टेरिया वाले मच्छरों को रिहायशी इलाकों में छोंड़ा जाएगा और ये देखा जाएगा कि लोगों को ये मच्छर काटने के बाद असर क्या होता है ? और क्या उन रिहायशी इलाकों में डेगुं के मामले में कोई कमी आई है या नहीं।

ऑस्ट्रेलिया में सफल रहा है शोध

Treatment of dengue: इसी तरह की शोध पहली बार ऑस्ट्रेलिया के Monash University में की गई थी, जो कि सफल रही थी। वहां भी लैब में विकसित मच्छरों को रिहायशी इलाकों में छोंड़ा गया था, बाद में ये देखा गया कि जिन भी इलाकों में ये मच्छर छोंड़े गए थे वहां Aedes मच्छरों का असर काफी कम था। इसका मतलब ये कि उन इलाकों में डेंगु और मलेरिया वाले मच्छर काफी कम हो गए।

इंडोनेशिया और ब्राजील में भी शोध जारी

Treatment of dengue: यह शोध ऑस्ट्रेलिया के Queensland में काफी सफल पाया गया। डेंगू के मामलों में लगभग 80 प्रतिशत की कमी वहां पाई गई, जिसके बाद भारत के पुदुचेरी स्थित रिसर्च सेंटर में इसपर शोध जारी है। इसी तरह के शोध अब इंडोनेशिया और ब्राजील में भी चल रहे हैं फिलहाल, भारत इस शोध में सबसे आगे चल रहा है। अगर यह शोध सफल रहा तो डेंगु और मलेरिया जैसे गंभीर बीमारियों से जल्द ही लोगों को राहत मिलने की संभावना है।