नई दिल्ली: RSS Chief Mohan Bhagwat देश में इन दिनों बिहार सहित कई राज्यों में जातिगत जनगणना की मांग जोरों से हो रही है। लेकिन इस बीच आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवत ने कहा है कि हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया। हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा, या कोई अलग कैसे हो गया?
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RSS Chief Mohan Bhagwat उन्होंने कहा- भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है। लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था। देश में विवेक, चेतना सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं। बस मत अलग-अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की। बदलता तो धर्म छोड़ दो। ऐसा बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा। परिस्थिति को कैसे बदलों, यह बताया है।
संत रोहिदास, तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे, इसलिए संत शिरोमणि थे। संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिया कि भगवान हैं। पहले सत्य, करुणा, अंतर पवित्र, सतत परिश्रम और चेष्टा यह 4 मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिए। संत रोहिदास ने कहा- धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज के उन्नति के लिए काम करना- यही धर्म है। यह उन्होंने बताया। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही सिर्फ धर्म नहीं है।
भागवत ने कहा कि यही वजह है कि संत रोहिदास के समाज के बड़े-बड़े लोग उनके भक्त बने। आज की परिस्थिति को ध्यान दीजिए। किसी भी हाल में धर्म ना छोड़िए। संत रोहिदास समेत जितने भी बुद्धजीवी हुए, उन सभी का कहने का तरीका कुछ भी हो लेकिन मकसद हमेशा एक रहा- धर्म से जुड़े रहो। हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं।
उन्होंने कहा- काशी का मंदिर टूटने के बाद शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को पत्र लिखा और कहा- हिन्दू हो या मुस्लिम, हम सभी हम ईश्वर के एक ही बच्चे हैं। अगर यह आपको अमान्य होगा तो उत्तर में आपसे युद्ध करने के लिए आना पड़ेगा। समाज और धर्म को द्वेष के नजर से मत देखो। गुनी बनो, धर्म का पालन करो। समाज में आज जो बेरोजगारी बढ़ रही है, उसमें भी काम को लेकर बड़ा-छोटा समझना भी एक बड़ी वजह है। संत रोहिदास ने कहा कि लगातार कोशिश करते रहो। समाज जरूर बदलेगा। लोगों की सोच बदलेगी। आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है। उसकी वजह ही समाज को साथ लेकर चलना होगा। यह संत रोहिदास ने बताया।
भागवत ने कहा कि दुनिया में प्रतिष्ठा, बल, भविष्य में कोई संभावना, इन सभी में हमारा देश तरक्की कर रहा है। लेकिन यह सब संभव होने के लिए आज-कल रोडमैप शब्द इस्तेमाल किया जा रहा है। वो रोडमैप मूल से लेकर शिखर तक सर्वांगीण विचार करते हुए किसी ने सामने रखा तो वो हैं- संत रविदास महाराज। वो संत शिरोमणि हैं। यह सिर्फ हम नहीं कहते, उनके समकालीन संतों ने जो वर्णन किया है। उन्होंने संत रोहिदास को संत शिरोमणि कहा है। उनके कार्यों को और उनके परिणामों को देखकर कहा है।
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भागवत ने आगे कहा- यह सब संत रोहिदास ने बोलकर और जी कर दिखाया। वह सीख दी। वो परंपरा हमें दी। इतना बड़ा काम 647 साल पहले संत रोहिदास ने करके दिखाया। संत रोहिदास का नाम लेते ही उनका काम आगे लेकर जाने वाले महात्मा फुले और अंबेडकर का नाम याद आता है। संत रोहिदास ने जो काम अपने जीवन में किया है, वो समाज में समानता समरसता बनाने का है। उन्होंने कहा- यह हमारा भारत देश, हमारे हिन्दू धर्म के अनुसार चलकर बड़ा बने और वो दुनिया का कल्याण करे। आज हमारी ऐसी स्थिति है कि हम ऐसा कुछ कर सकते हैं ऐसा सपना हम देख सकते हैं।
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