ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना: स्टालिन ने केंद्र और पलानीस्वामी पर निशाना साधा

ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना: स्टालिन ने केंद्र और पलानीस्वामी पर निशाना साधा

ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना: स्टालिन ने केंद्र और पलानीस्वामी पर निशाना साधा
Modified Date: December 18, 2025 / 05:25 pm IST
Published Date: December 18, 2025 5:25 pm IST

चेन्नई, 18 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में प्रस्तावित बदलावों के माध्यम से गरीबों की आजीविका को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि अन्नाद्रमुक सुप्रीमो एडप्पाडी के. पलानीस्वामी इस मुद्दे पर केंद्र का पक्ष ले रहे हैं।

स्टालिन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट के माध्यम से आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ‘गरीबों के पेट पर लात मार रही है,’ जबकि पलानीस्वामी लोगों के लिए खड़े होने के बजाय उसी के रुख को ‘दोहरा रहे हैं’।

मुख्यमंत्री ने विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी) परियोजना के तहत काम को 125 दिनों तक बढ़ाने के प्रस्तावित कदम की आलोचना करते हुए इसे ‘धोखाधड़ी वाला कदम’ बताया, जबकि मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) पहले से ही 100 दिनों के काम की गांरटी का प्रावधान करता है।

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उन्होंने कहा, ‘भाजपा शासन में लोगों को केवल 20-25 दिनों का रोजगार मिला और यहां तक ​​कि उनकी मजदूरी भी लंबे समय बाद जारी की गई।’

उन्होंने कहा कि ‘केंद्र सरकार के इशारे पर’ किए गए नियमों में बदलाव के बाद काम की उपलब्धता और भी खराब हो गई है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा कि इस योजना के तहत आवंटन घटाए जाने से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। उन्होंने राज्यों से कुल लागत का 40 प्रतिशत वहन करने के केंद्र के निर्देश को जीएसटी के कारण पहले से ही राजस्व नुकसान झेल रही राज्य सरकारों के लिए “दंड” करार दिया।

पलानीस्वामी पर निशाना साधते हुए स्टालिन ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता ने लोगों के हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाने के बजाय “केंद्र को खुश करने” के लिए बयान दिए।

उन्होंने कहा, “हमारी आपत्तियां सामने आने के बाद उन्होंने केवल योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव हटाने की मांग की और अपने ‘खास अंदाज’ में दबाव बनाने का दिखावा किया, जबकि यह झूठा भ्रम फैलाया कि मनरेगा के तहत काम के दिन बढ़ाकर 125 कर दिए जाएंगे।”

कार्यदिवसों में कथित कटौती को तमिलनाडु की गरीबी उन्मूलन में सफलता के लिए “सजा” बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का यह कदम जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य हासिल करने पर परिसीमन के जरिए राज्य की संसदीय सीटें घटाने जैसा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पलानीस्वामी केंद्र द्वारा ग्रामीण रोजगार योजना का वित्तीय बोझ राज्यों पर डालने की कोशिश पर चुप्पी साधे हुए हैं।

पलानीस्वामी को सीधे चुनौती देते हुए स्टालिन ने कहा, “अगर उन्हें वास्तव में लगता है कि उनके ‘मालिक’ भाजपा का फैसला सही है, तो उन्हें खुलकर वीबी-जी राम जी योजना का समर्थन करना चाहिए।”

भाषा राखी मोना

मोना


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