समलैंगिक विवाह एक दिन वास्तविकता बनेगा: भारत की सबसे तेज महिला धावक दुती चंद

समलैंगिक विवाह एक दिन वास्तविकता बनेगा: भारत की सबसे तेज महिला धावक दुती चंद

समलैंगिक विवाह एक दिन वास्तविकता बनेगा: भारत की सबसे तेज महिला धावक दुती चंद
Modified Date: October 18, 2023 / 05:00 pm IST
Published Date: October 18, 2023 5:00 pm IST

भुवनेश्वर, 18 अक्टूबर (भाषा) भारत की सबसे तेज महिला धावक दुती चंद का कहना है कि समलैंगिक विवाह एक दिन वास्तविकता बनेगा।

उन्होंने समलैंगिक विवाह की वैधता पर शीर्ष अदालत के फैसले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए यह टिप्पणी की।

उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मंगलवार को सर्वसम्मति से विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसी शादी को मान्यता देने के लिए कानून में बदलाव करना संसद के दायरे में है।

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दुती ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक व्यक्तियों को एक साथ रहने से नहीं रोका है। चूंकि देश में समान लिंग वाले व्यक्तियों के बीच विवाह के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है, इसलिए उच्चतम न्यायालय ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया।’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार और संसद निश्चित रूप से मामले पर विचार करेगी और भविष्य में समलैंगिक व्यक्तियों के बीच विवाह के लिए उचित कानून बनाएगी।”

दुती को यह बताने में कोई झिझक नहीं थी कि वह अपने साथी के साथ पांच साल से रिश्ते में थीं। उन्होंने कहा कि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं और उन्होंने साथ रहने तथा शादी करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि समान लिंग वाले व्यक्तियों के बीच विवाह को शहरी-ग्रामीण, उच्च-निम्न, जाति, पंथ या धर्म के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए।

दुती ने कहा, ‘‘यह मानवता की समस्या है और सभी को जीवन में उचित अधिकार मिलना चाहिए।’’

समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा मिलने की उम्मीद पर दुती ने कहा, ‘‘क्या भारत में विधवा विवाह का ऐसा कोई प्रावधान था? देश में एक दिन समलैंगिक विवाह की अनुमति दी जाएगी।’’

सत्तारूढ़ बीजद से जुड़ी ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता मीरा परिदा ने कहा, ‘समलैंगिक विवाह पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए। अदालत को ट्रांसजेंडर लोगों के एक साथ रहने पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि विवाह एक मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन मेरे अनुसार यह उससे कुछ अधिक है। एलजीबीटीक्यू को भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए।’

भाषा नेत्रपाल नरेश

नरेश


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