Sandesh Kumar Das: इस मशहूर ट्रेवल व्लॉगर के भाई की मौत, रेलवे ट्रैक पर मिली लाश.. दूर खड़ी थी बाइक, जताई जा रही ये आशंका..
वही संदेश के एक रूममेट ने बताया कि शनिवार दोपहर को वह काफ़ी उदास लग रहा था। दोस्त ने पत्रकारों को बताया, "मैंने उससे इस बारे में पूछा, लेकिन उसने कोई वजह नहीं बताई।
Sandesh Kumar Das Death || Image- IBC24 File
- फूड डिलीवरी कर्मी का शव रेलवे ट्रैक पर मिला
- आत्महत्या की आशंका, फोन में बहस के संकेत
- भाई संदीप दास ने जताया गहरा दुख
Sandesh Kumar Das Death: भुवनेश्वर: मशहूर बाइकर और ट्रैवल व्लॉगर संदीप कुमार दास के छोटे भाई सन्देश कुमार दास के लाश आज रविवार सुबह भुवनेश्वर के लिंगराज रेलवे स्टेशन से सटे पलासपल्ली के पास रेलवे पटरियों के पास से बरामद की गई है। मृतक संदेश ढेंकनाल जिले का रहने वाला था। वह अपने भाई और दोस्तों के साथ भुवनेश्वर के सत्यनगर इलाके में किराए के मकान में रहता था और एक प्रमुख फूड एग्रीगेटर के लिए डिलीवरी एग्जीक्यूटिव के तौर में काम करता था।
फोन में हुई थी किसी से बहस
स्थानीय पुलिस ने बताया कि उसकी मोटरसाइकिल पटरियों के पास लावारिस हालत में मिली थी, जबकि उसका शव रेलवे लाइन पर पड़ा था। पुलिस को आशंका है कि संदेश ने आत्महत्या की होगी। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि घटना से कुछ देर पहले, संदेश को अपने फोन पर ज़ोर-ज़ोर से बात करते सुना गया था। इससे भी आशंका जताई जा रही है कि, संदेश की किसी से तीखी बहस हुई थी।
पुलिस की एक टीम मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उसके मोबाइल फोन और कॉल रिकॉर्ड की जाँच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि उसने आखिरी समय में किससे बात की थी। आगे की जाँच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है। पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक निष्कर्ष आत्महत्या की ओर इशारा करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि वे इस संबंध में सभी परिचितों से चर्चा करते हुए जांच कर रहे हैं।
क्या कहा ब्लॉगर भाई
Sandesh Kumar Das Death: वही संदेश के एक रूममेट ने बताया कि शनिवार दोपहर को वह काफ़ी उदास लग रहा था। दोस्त ने पत्रकारों को बताया, “मैंने उससे इस बारे में पूछा, लेकिन उसने कोई वजह नहीं बताई। शाम को हमने कुछ घंटों तक ऑनलाइन गेम खेला, जिसके बाद वह डिलीवरी के काम से बाहर चला गया।” उनके बड़े भाई, संदीप ने कहा कि शायद आर्थिक तंगी की वजह से वह परेशान था। उन्होंने कहा, “वह हमेशा हमारी खराब आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित रहता था, हालाँकि हम किसी तरह गुज़ारा कर लेते थे। मैं हमेशा उन्हें सलाह देता था कि वह किसी भी बात को दिल पर न लें। मुझे समझ नहीं आ रहा कि उन्होंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।”

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